Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Jan, 2025 04:38 PM
आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कामकाजी दुनिया में अपना मजबूत कदम जमा लिया है। नौकरी ढूंढने से लेकर सीवी, कवर लेटर और अन्य दस्तावेज़ तैयार करने तक, AI अब एक आम टूल बन चुका है।
नई दिल्ली: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कामकाजी दुनिया में अपना मजबूत कदम जमा लिया है। नौकरी ढूंढने से लेकर सीवी, कवर लेटर और अन्य दस्तावेज़ तैयार करने तक, AI अब एक आम टूल बन चुका है। हाल ही में एक व्यक्ति ने AI का ऐसा इस्तेमाल किया, जो न सिर्फ उसकी ज़िंदगी को बदलने वाला था, बल्कि इसने उसे भी हैरान कर दिया। इस व्यक्ति ने सोते-सोते 1,000 नौकरियों के लिए आवेदन किया और सुबह उठने के बाद जो नतीजे देखे, वो काफी चौंकाने वाले थे।
सुबह 50 से ज्यादा इंटरव्यू कॉल्स मिले
यह व्यक्ति रेडिट पर अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि उसने खुद का एक AI बॉट बनाया था, जो पूरी नौकरी आवेदन प्रक्रिया को संभालता था। इस बॉट ने उम्मीदवार की जानकारी का विश्लेषण किया, नौकरी के विवरण को पढ़ा, और फिर हर नौकरी के लिए अलग-अलग कस्टमाइज्ड सीवी और कवर लेटर तैयार कर आवेदन कर दिया।
व्यक्ति ने लिखा, "मेरे बॉट ने रात भर काम किया और मुझे 50 से ज्यादा इंटरव्यू कॉल्स मिले। यह तरीका स्क्रीनिंग सिस्टम को पार करने में बहुत प्रभावी था, क्योंकि मेरी स्क्रिप्ट ने हर नौकरी के लिए सीवी और कवर लेटर को विशेष रूप से तैयार किया, जिससे न केवल AI बल्कि मानव रिक्रूटर्स का भी ध्यान आकर्षित किया।"
ऑटोमेशन और प्रोफेशनल संबंधों पर सवाल
व्यक्ति ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह AI आधारित तरीका नौकरी आवेदन प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाता है, लेकिन इसके कुछ गहरे प्रभाव भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "जब हम नौकरी के आवेदन को ऑटोमेट करते हैं तो हम उस मानवीय तत्व को खोने का जोखिम उठाते हैं, जो अक्सर कार्यस्थल में अंतर पैदा करता है।"
AI की मदद से नौकरी आवेदन प्रक्रिया को सुलझाना न केवल समय की बचत करता है, बल्कि यह काम को और अधिक कुशल भी बनाता है। लेकिन इसके साथ यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या तकनीकी विकास के साथ हम इंसानी जुड़ाव और भावनाओं को खो देंगे?
AI का बढ़ता प्रभाव
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि AI अब केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं, बल्कि कार्यस्थल और पेशेवर दुनिया में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कारक बन गया है। हालांकि यह प्रोसेस को तेज़ बनाता है, लेकिन इसका मानवीय पहलू पर क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।