Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Jan, 2025 03:27 PM
आध्यात्मिक नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में देश-विदेश से साधु-संतों का आना जारी है। इन बाबाओं में से एक खास बाबा हैं जिन्हें लोग "एंबेसडर बाबा" या "टार्जन बाबा" के नाम से जानते हैं। इनका असली नाम महंत राज गिरी है।
नेशनल डेस्क। आध्यात्मिक नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में देश-विदेश से साधु-संतों का आना जारी है। इन बाबाओं में से एक खास बाबा हैं जिन्हें लोग "एंबेसडर बाबा" या "टार्जन बाबा" के नाम से जानते हैं। इनका असली नाम महंत राज गिरी है।
52 साल पुरानी कार बनी पहचान
एंबेसडर बाबा की पहचान उनकी 52 साल पुरानी एंबेसडर कार है जिसे उन्होंने सैफरन (भगवा) रंग में पेंट कराया हुआ है। बाबा ने इस कार को 40 साल पहले दान में प्राप्त किया था। इसके बाद से यह कार ही उनका घर और आश्रम बन गई। बाबा इसी कार में सोते हैं खाते हैं और इसे अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानते हैं।
कार को मानते हैं "चलता-फिरता आश्रम"
महंत राज गिरी का कहना है कि उनकी यह कार उनका "चलता-फिरता आश्रम" है। वह इसमें खुद को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि महसूस करते हैं। यही वजह है कि बाबा इस कार को मां का दर्जा देते हैं।
महाकुंभ में बाबा का ठिकाना
इस समय बाबा प्रयागराज के शास्त्री ब्रिज के निकट संगम किनारे कुटिया बनाकर रह रहे हैं। उनकी एंबेसडर कार कुटिया के बाहर खड़ी हुई है जो हर किसी का ध्यान खींच रही है।
महाकुंभ में आने का सिलसिला
महंत राज गिरी बाबा पिछले चार सालों से कुंभ और महाकुंभ जैसे आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। बाबा का कहना है कि उन्होंने अपने परिवार और सुख-सुविधाओं से संन्यास ले लिया है। अब वह केवल अपनी एंबेसडर कार के साथ ही रहते हैं।
कार का इतिहास
बाबा की एंबेसडर कार 1972 मॉडल की है। बाबा ने इसे अपनी जरूरत के अनुसार सजाया है और इसे अपना सबकुछ मान लिया है। लोगों के लिए यह कार एक अनोखा आकर्षण बन चुकी है।
वहीं एंबेसडर बाबा का कहना है कि वह इस कार के साथ अपनी साधना और सेवा करते हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु और अन्य साधु-संत बाबा और उनकी कार को देखने पहुंच रहे हैं। यह कार बाबा की आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक बन गई है।