Edited By Rahul Singh,Updated: 18 Dec, 2024 07:57 PM
शाह से जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "अगर इससे कांग्रेस अध्यक्ष को आनंद मिलता है तो मैं इस्तीफा भी दे दूं, लेकिन इससे उनकी...
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है और भीम राव आंबेडकर से संबंधित उनके राज्यसभा बयान को भी गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अतीत में भ्रम फैलाने और जनता को गुमराह करने के लिए उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को गलत तरीके से पेश करती रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर चुटकी
गृह मंत्री शाह से जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "अगर इससे कांग्रेस अध्यक्ष को आनंद मिलता है तो मैं इस्तीफा भी दे दूं, लेकिन इससे उनकी समस्याएं कभी हल नहीं होंगी। 15 साल आपको विपक्ष में बैठना है।"
गृह मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें-
1. कांग्रेस के तथ्यों के साथ छेड़छाड़
अमित शाह ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, "मैं तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए कांग्रेस की निंदा करता हूं। ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा नेताओं ने इस बारे में बात की कि कैसे एनडीए सरकारों ने संविधान को बरकरार रखा और तथ्यों के साथ यह स्थापित किया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी है।"
2. कांग्रेस का अतीत और बाबा साहेब का अपमान
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेकर का भी अपमान किया और आपातकाल के दौरान संविधान में निहित मूल्यों की धज्जियां उड़ाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नारी सम्मान को भी वर्षों तक नजरअंदाज किया और न्यायपालिका तथा सेना के शहीदों का अपमान किया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के शासन में भारत की भूमि को दूसरे देशों को देने की कोशिशें की गईं, जो संविधान का उल्लंघन था।
3. कांग्रेस को कड़ा संदेश
गृह मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि उन्हें पार्टी के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था। उन्होंने खेद जताते हुए कहा, "मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं।"
4. भारत रत्न और बाबा साहेब आंबेडकर
शाह ने यह भी बताया कि कांग्रेस के नेता खुद ही अपने आप को भारत रत्न देने में लगे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "1955 में नेहरू जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया, 1971 में इंदिरा जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया।" वहीं, उन्होंने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न 1990 में मिला, जब कांग्रेस ।
5. आंबेडकर के स्मारकों का निर्माण सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। उन्होंने यह भी कहा कि 1990 तक कांग्रेस बाबा साहेब को भारत रत्न देने के खिलाफ थी और उनकी 100वीं जयंती मनाने की भी मनाही कर दी थी
गृह मंत्री ने कहा कि जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, बाबा साहेब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। उन्होंने बताया कि भाजपा के शासनकाल में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थों का विकास किया गया। इनमें मध्य प्रदेश के महू, लंदन, नागपुर के दीक्षाभूमि, दिल्ली के राष्ट्रीय स्मारक और मुंबई के चैत्यभूमि शामिल हैं।
6. राज्यसभा में उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया
शाह ने यह भी कहा कि राज्यसभा में उनके बयान को जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा गया और चुनावों के दौरान उनके बयान को एडिट करके गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था।
7. भाजपा का अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का दावा
शाह ने कहा, "मैं उस पार्टी से हूं जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है। जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने अंबेडकर जी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है।"
8. आरक्षण को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
शाह ने यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है और बाबा साहेब के योगदान को हमेशा याद किया है। उन्होंने यह कहा कि देश के संविधान को समावेशी बनाने में, दलितों, आदिवासियों, वंचितों, गरीबों को न्याय दिलाने में और देश में लोकतंत्र की नींव को गहरा करने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है।