Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Jan, 2025 01:36 PM
राजस्थान के भीलवाड़ा में एक एंबुलेंस का दरवाजा कथित तौर पर जाम होने से उसमें मौजूद महिला मरीज को समय पर बाहर नहीं निकाला जा सका और उसकी मौत हो गई।
नेशनल डेस्क: राजस्थान के भीलवाड़ा में एक एंबुलेंस का दरवाजा कथित तौर पर जाम होने से उसमें मौजूद महिला मरीज को समय पर बाहर नहीं निकाला जा सका और उसकी मौत हो गई। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई है।
15 मिनट तक एंबुलेंस के अंदर ही फंसी रही
इसके अनुसार, सुलेखा (45) नामक महिला ने रविवार को अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां एंबुलेंस का दरवाजा कथित तौर पर जाम हो गया। उसे एंबुलेंस का शीशा तोड़कर बाहर निकाला गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि दरवाजा जाम होने के कारण कीमती समय बर्बाद हुआ, क्योंकि वह 15 मिनट तक एंबुलेंस के अंदर ही फंसी रही। परिवार वालों ने ये भी कहा कि एंबुलेंस के अंदर ऑक्सीजन तक नहीं था। यही नहीं एंबुलेंस के कर्मचारियों को अस्पताल का रास्ता भी पता नहीं था जिसकी वजह से भी काफी देरी हुई। वहीं, अस्पताल ने एंबुलेंस में कमी होने की बात को सिरे से खारिज किया है। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने मामले की जांच सहायक कलेक्टर अरुण जैन को सौंपी है।
मामले की जांच के लिए समिति का गठन
भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी पी गोस्वामी ने भी मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। उन्होंने कहा, "मामले की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए चार सदस्यों की समिति गठित की गई है।" उन्होंने कहा कि समिति एंबुलेंस का रिकॉर्ड, उसके अस्पताल पहुंचने का विवरण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य खामियों की जांच करेगी। हालांकि एंबुलेंस परिचालन फर्म ईएमआरआईजीएचएस ने इस बात से इनकार किया है कि महिला की मौत एंबुलेंस का दरवाजा जाम होने के कारण हुई।