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पाकिस्तान के राजदूत को अमेरिका ने एयरपोर्ट पर ही किया डिपोर्ट, इमिग्रेशन नियमों ने बढ़ाई फजीहत

Edited By Mahima,Updated: 11 Mar, 2025 09:43 AM

america deported the pakistani ambassador at the airport itself

तुर्कमेनिस्तान से अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान को अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने वैध वीजा और दस्तावेज होते हुए भी एयरपोर्ट पर प्रवेश से रोक लिया और डिपोर्ट कर दिया। इस घटना ने डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े किए हैं।...

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इमिग्रेशन नियमों में सख्ती के बाद एक और विवाद सामने आया है। तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत, के.के. अहसान वगान को अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया और उन्हें एयरपोर्ट से ही डिपोर्ट कर दिया गया। यह घटना अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा उठाए गए एक असामान्य कदम के रूप में सामने आई है, जिसे लेकर डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल और दोनों देशों के संबंधों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

राजदूत के पास था वैध वीजा, फिर भी रोका गया
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, के.के. अहसान वगान के पास वैध अमेरिकी वीजा और सभी जरूरी यात्रा दस्तावेज मौजूद थे। वह कथित तौर पर निजी दौरे पर लॉस एंजेलिस जा रहे थे। हालांकि, अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और आपत्ति जताई, जिसके बाद उन्हें तुरंत डिपोर्ट कर दिया गया। अधिकारियों ने इस फैसले का कारण इमिग्रेशन संबंधी आपत्तियां बताई, हालांकि इस पर और ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई।

अमेरिकी प्रशासन के इस कदम पर क्यों उठ रहे सवाल
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस कदम को गंभीरता से लिया है, और डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार इस घटना को लेकर अमेरिकी प्रशासन से अपना विरोध दर्ज करवा सकती है। इस घटना के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और विदेश सचिव अमीना बलोच को पूरी जानकारी दी गई है। साथ ही, पाकिस्तान के लॉस एंजेलिस स्थित कॉन्सुलेट से इस मामले की विस्तृत जांच करने को कहा गया है। 

क्या हो सकता है पाकिस्तान सरकार का अगला कदम?
चर्चा है कि पाकिस्तान सरकार जल्द ही राजदूत के.के. अहसान वगान को इस्लामाबाद वापस बुला सकती है। यह कदम पाकिस्तान की ओर से एक कूटनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि इस तरह के घटनाक्रम दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर प्रभाव डाल सकते हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग भी कर सकता है। 

पाकिस्तान के दूतावास में भी अपनी सेवाएं दी 
के.के. अहसान वगान पाकिस्तान की विदेश सेवा में कई वर्षों से कार्यरत हैं और उनके पास व्यापक कूटनीतिक अनुभव है। उन्होंने काठमांडू में पाकिस्तान के दूतावास में सेकंड सेक्रेटरी के रूप में काम किया था, और इसके बाद मस्कट में पाकिस्तान के एंबेसडर और नाइजर में पाकिस्तान के दूतावास में भी अपनी सेवाएं दी हैं। वगान को उनकी कूटनीतिक सेवाओं के लिए व्यापक पहचान मिली है और उन्हें विभिन्न देशों में महत्वपूर्ण कूटनीतिक पदों पर काम करने का अनुभव है।

इस घटना का पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों पर असर
यह घटना एक और संकेत हो सकती है कि अमेरिका में इमिग्रेशन नियमों को लेकर कड़ा रुख अपनाया गया है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जिनका यात्रा संबंधी दस्तावेज पूर्ण रूप से वैध होते हुए भी कुछ तकनीकी या अन्य कारणों से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि इस मामले का असर दोनों देशों के रिश्तों पर हो सकता है, और इसे लेकर दोनों पक्षों में कूटनीतिक चर्चाएं हो सकती हैं। 
 

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