Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Nov, 2024 08:58 AM
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को मात देकर बड़ी जीत हासिल की है। ट्रंप की इस जीत का प्रभाव भारत पर भी देखने को मिलेगा। डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने से क्रूड ऑयल की कीमतों में...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को मात देकर बड़ी जीत हासिल की है। ट्रंप की इस जीत का प्रभाव भारत पर भी देखने को मिलेगा। डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने से क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट की संभावना है, जिसका सीधा लाभ भारत को मिल सकता है। क्रूड के दाम घटने से एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को फायदा होगा, जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम भी कम हो सकते हैं।
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट
ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के साथ ही कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में गिरावट की संभावना है, जिसका सीधा लाभ भारत को मिलेगा। तेल की कीमतों में गिरावट से एचपीसीएल, बीपीसीएल, और आईओसी जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को फायदा होगा, जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है। एमआरपीएल, चेन्नई पेट्रो, और मनाली पेट्रो जैसी कंपनियों को भी सस्ते क्रूड का लाभ मिलेगा क्योंकि उनके उत्पादों में कच्चा तेल मुख्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, एविएशन कंपनियों को सस्ते क्रूड के कारण सस्ते एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) का लाभ मिलेगा, जिससे हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है।
अन्य उद्योगों पर प्रभाव
टायर कंपनियाँ: क्रूड की कीमतों में गिरावट से टायर कंपनियों को भी लाभ होगा क्योंकि उनके लिए कार्बन ब्लैक और सिंथेटिक रबर का उत्पादन कच्चे तेल से होता है। इससे टायर की कीमतों में कमी आने की संभावना बढ़ जाएगी।
पेंट उद्योग: पेंट कंपनियों को भी सस्ते क्रूड का लाभ मिलेगा क्योंकि इनके कच्चे माल की लागत में 25-30% हिस्सा क्रूड पर निर्भर है। पेंट की कीमतों में भी गिरावट हो सकती है।
एफएमसीजी कंपनियाँ: सस्ते क्रूड का लाभ एफएमसीजी सेक्टर को भी मिलेगा क्योंकि इन उत्पादों की लागत में 15-30% हिस्सा क्रूड पर आधारित होता है। इससे एफएमसीजी उत्पादों की कीमतों में कमी आ सकती है।
भारतीय आईटी सेक्टर को लाभ
ट्रंप की जीत से डॉलर के मजबूत होने की संभावना है, जिसका सीधा लाभ भारतीय आईटी कंपनियों को मिलेगा। चूंकि कई भारतीय आईटी कंपनियाँ अमेरिका में सक्रिय हैं, उन्हें अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का लाभ मिलेगा। आईटी सेक्टर के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की संभावना भी बढ़ जाएगी, जिससे अमेरिकी कंपनियाँ अपने खर्च में वृद्धि करेंगी, और इससे भारतीय आईटी कंपनियों को अधिक अवसर मिल सकते हैं।
ट्रंप की इस जीत से न केवल तेल और आईटी सेक्टर बल्कि भारत-अमेरिका व्यापारिक साझेदारी में भी मजबूती की उम्मीद है, जिससे भारत को आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है।