Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Feb, 2025 08:39 AM
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अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। 5 फरवरी को पहली खेप में 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा था। अब, 15 फरवरी को दूसरा विमान अमृतसर में लैंड करने वाला है। इस बीच, पंजाब...
नेशनल डेस्क: अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। 5 फरवरी को पहली खेप में 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा था। अब, 15 फरवरी को दूसरा विमान अमृतसर में लैंड करने वाला है। इस बीच, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार पर पंजाब की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
पंजाब में ही क्यों उतर रहे निर्वासित भारतीय?
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि अमेरिकी सैन्य विमान को अन्य राज्यों, जैसे गुजरात, हरियाणा, या दिल्ली में भी उतारा जा सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर निर्वासित भारतीयों को पंजाब भेजकर राज्य की बदनामी कर रही है। चीमा ने मांग की कि अगली बार ऐसे विमानों को अहमदाबाद जैसे शहरों में उतारा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग अवैध रूप से किसी भी देश में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कानूनी अधिकार नहीं होना चाहिए। मोदी ने यह बयान अपने अमेरिका दौरे के दौरान दिया, जब उनसे अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के बारे में सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ऐसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का आरोप - अमानवीय व्यवहार
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से निष्कासित किए गए भारतीयों ने आरोप लगाया है कि उन्हें यात्रा के दौरान अमानवीय व्यवहार झेलना पड़ा। निर्वासितों का कहना है कि - सफर के दौरान उनके हाथ-पैर बेड़ियों में जकड़े गए। भारत पहुंचने के बाद ही उन्हें इन बेड़ियों से मुक्त किया गया। इस मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगी।
16 साल में 15,000 से ज्यादा भारतीय हुए निर्वासित
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि 2009 से अब तक 15,668 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नई प्रक्रिया नहीं है और हर देश अपने आव्रजन कानूनों के अनुसार ही कार्रवाई करता है।
निर्वासित भारतीयों पर क्या होगा असर?
वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. मन्नान के अनुसार: निर्वासित लोगों पर भारत में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, जब तक कि वे फर्जी दस्तावेजों के साथ यात्रा नहीं कर रहे थे। उन्हें अमेरिका भेजने वाले एजेंटों पर कार्रवाई की जा सकती है। निर्वासितों पर कुछ प्रतिबंध लागू होंगे, जैसे:
-अगले 5 साल तक किसी देश की यात्रा नहीं कर सकेंगे।
-नए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई होगी।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि निर्वासित नागरिकों के साथ उचित व्यवहार हो और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। वहीं, अमेरिका ने भारत को 487 अवैध भारतीय नागरिकों की सूची सौंपी है, जिनका आगामी समय में निर्वासन किया जा सकता है।