Edited By Rahul Rana,Updated: 30 Oct, 2024 11:03 AM
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अमेरिकी सरकार ने भारत को 248 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं लौटा दीं हैं, जोकि देश में सांस्कृतिक विरासत की सबसे बड़ी वापसी थी।
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अमेरिकी सरकार ने भारत को 248 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं लौटा दीं हैं, जोकि देश में सांस्कृतिक विरासत की सबसे बड़ी वापसी थी। पिछले कुछ वर्षों में भारत से कई मूल्यवान कलाकृतियां अवैध रूप से अक्सर चोरी या तस्करी के माध्यम से निकाली गई हैं। इन कलाकृतियों की वापसी सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय कानून के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है।
इस प्रकाश में सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और बहाली को नियंत्रित करने वाला कानूनी ढांचा अतिरिक्त महत्व रखता है जोकि प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और चोरी की गई वस्तुओं को वापस पाने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करता है।
सांस्कृतिक संपत्ति की वापसी अंतरराष्ट्रीय कानून में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है क्योंकि दुनिया भर के देशों ने अक्सर संघर्ष या औपनिवेशिक शासन के दौरान मूल्यवान सांस्कृतिक विरासत खो दी है। भारत की विरासत विशेष रूप से असुरक्षित रही है, जहां से कई कलाकृतियां चोरी हो गई हैं और अवैध रूप से निर्यात की गई हैं।
2016 में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने 157 चोरी की गई भारतीय कलाकृतियों को वापस करने का वचन दिया था। मोदी की हालिया यात्रा के दौरान एक अनुवर्ती कदम के रूप में 248 अतिरिक्त पुरावशेष वापस किए गए, जो सांस्कृतिक बहाली में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।