Edited By Harman Kaur,Updated: 06 Feb, 2025 03:42 PM
अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस कार्रवाई को लेकर विपक्षी सांसदों ने आज संसद के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच यूएस बॉर्डर पैट्रोल (USBP) ने एक...
नेशनल डेस्क: अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस कार्रवाई को लेकर विपक्षी सांसदों ने आज संसद के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच यूएस बॉर्डर पैट्रोल (USBP) ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दिखाया गया कि अमेरिकी मिलिट्री प्लेन के जरिए ये भारतीय नागरिक भारत भेजे गए।
यूएस बॉर्डर पैट्रोल के अध्यक्ष माइकल डब्ल्यू. बैंक्स ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका से अब तक की सबसे दूरस्थ फ्लाइट थी, जिसमें अवैध प्रवासियों को भारत भेजा गया। बैंक्स ने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से अमेरिका की सीमा पार करेगा, तो उसे इसका कड़ा परिणाम भुगतना होगा। अमेरिकी सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि जो लोग अवैध रूप से अमेरिका की सीमा पार करेंगे, उन्हें वापस भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के इमिग्रेशन कानूनों को सख्ती से लागू करना सुरक्षा और देश के हित में आवश्यक है।
विपक्षी दलों का संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
बता दें कि आज विपक्षी दलों ने राज्यसभा में अमेरिका से भारतीय प्रवासियों की वापसी को लेकर जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद परिसर में अमेरिकी डिपोर्टेशन के खिलाफ हाथों में हथकड़ी पहनकर नारेबाजी की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और कई अन्य विपक्षी नेता भी शामिल हुए। नेताओं ने सरकार के खिलाफ "देश का अपमान नहीं सहेंगे" और "मोदी सरकार हाय-हाय" के नारे लगाए।
अमेरिका से 104 भारतीय नागरिकों की वापसी
बता दें कि बीते बुधवार को अमेरिका का एक सैन्य विमान 104 भारतीय नागरिकों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। इन प्रवासियों में 30 पंजाब, 33 हरियाणा और गुजरात, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश, जबकि दो चंडीगढ़ के निवासी थे। इनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं।