Edited By Utsav Singh,Updated: 22 Oct, 2024 06:33 PM
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई मंगलवार को की गई, जिसमें उनकी 56 करोड़ से अधिक की संपत्ति शामिल है। आइए जानते है विस्तार से...
नेशनल डेस्क : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी अमित कत्याल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ईडी ने अमित कत्याल की 56 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है। यह कार्रवाई धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत की गई है, और बताया जा रहा है कि ये संपत्तियाँ गुड़गांव और दिल्ली में स्थित हैं। बताया जा रहा है कि ये संपत्तियाँ गुड़गांव और दिल्ली में स्थित हैं। ईडी ने यह कार्रवाई धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत की है। ईडी ने पहले अमित कात्याल को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई।
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अमित कात्याल की पहचान
आपको बता दें कि अमित कात्याल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) हैं। उन पर प्लॉट खरीदारों के पैसे की हेराफेरी करने और उसे अवैध तरीके से डायवर्ट करने का आरोप है। ईडी ने उनके खिलाफ मेसर्स कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई की है। ईडी ने 18 अक्टूबर को उनके दो परिसरों में छापेमारी की, जहां से 35 लाख रुपये नकद और कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। उनके भाई राजेश कात्याल को 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें ईडी की रिमांड पर भेजा गया है।
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धोखाधड़ी के आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमित कात्याल, राजेश कात्याल और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। ईडी के अनुसार, इन पर आरोप है कि उन्होंने रियल एस्टेट व्यवसाय के तहत कई निवेशकों को धोखा दिया। यह आरोप है कि उन्होंने निवेशकों के पैसे का गलत इस्तेमाल किया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये विदेश भेजे। इस मामले में ईडी की जांच जारी है, और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह कार्रवाई रियल एस्टेट में बढ़ती धोखाधड़ी की समस्या को उजागर करती है, जिसमें निवेशकों के पैसे का हेरफेर किया जा रहा है।
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लालू प्रसाद यादव के करीबी संबंध
ईडी ने यह भी दावा किया है कि अमित कात्याल एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव की ओर से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से जमीन खरीदी। यह मामला "लैंड फॉर जॉब" घोटाले से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि बेरोजगार युवाओं से नौकरी के बदले जमीन ली गई।
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लैंड फॉर जॉब मामला
लालू प्रसाद यादव के परिवार पर लैंड फॉर जॉब घोटाले का आरोप है, जिसमें कहा गया है कि जब वे रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन की रिश्वत ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें इस घोटाले से संबंधित सबूत और गवाहों के बयान शामिल हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है। इस मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव और आठ अन्य लोग आरोपी हैं। फिलहाल, इन सभी को जमानत मिल गई है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जांच की प्रक्रिया जारी है, और अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।