Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 11 Apr, 2025 12:19 PM
तमिलनाडु बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की आहट तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं, लेकिन इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक शर्त ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की आहट तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं, लेकिन इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक शर्त ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि अध्यक्ष पद के दावेदार को कम से कम 10 साल की पार्टी सदस्यता होनी चाहिए। इस फैसले के बाद मौजूदा अध्यक्ष के. अन्नामलाई रेस से बाहर हो गए हैं और अब सबकी निगाहें नए चेहरों पर टिकी हैं। सवाल ये है कि अमित शाह की कसौटी पर कौन खरा उतरता है और किसके हाथ लगती है प्रदेश अध्यक्ष की कमान?
प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए चाहिए 10 साल की सदस्यता
BJP ने साफ किया है कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को कम से कम 10 साल की पार्टी सदस्यता होनी चाहिए। इस शर्त के चलते मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई रेस से बाहर हो गए हैं, क्योंकि वे 2020 में ही भाजपा से जुड़े थे। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ज्वाइन करने के महज 11 महीने बाद ही उन्हें राज्य अध्यक्ष बनाया गया था।
अमित शाह का दो दिवसीय दौरा और सियासी संकेत
गृह मंत्री अमित शाह 11 और 12 अप्रैल को तमिलनाडु के दौरे पर हैं। इस दौरान वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, आरएसएस पदाधिकारियों और पत्रकार एस. गुरुमूर्ति से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि यह दौरा सिर्फ संगठनात्मक नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति के लिहाज से भी बेहद अहम है।
2026 से पहले नए गठबंधन की तैयारी?
BJP और AIADMK के बीच फिर से गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। कुछ हफ्ते पहले AIADMK नेता ई. पलानीस्वामी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर दावा किया था कि NDA 2026 में तमिलनाडु में सरकार बनाएगा। हालांकि AIADMK ने गठबंधन की बात को अभी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है।
DMK पर निशाना, AIADMK को फिर साथ लाने की कोशिश
अपने दौरे से पहले अमित शाह ने X पर पोस्ट कर DMK सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और जनता से इसे उखाड़ फेंकने की अपील की। वहीं AIADMK को साथ लाने के प्रयासों के तहत भाजपा ने संगठनात्मक साफ-सफाई भी शुरू कर दी है।