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अमित शाह ने गुजरात में आपराधिक कानूनों की समीक्षा की, जल्द लागू करने के निर्देश

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 31 Jan, 2025 12:39 PM

amit shah reviews criminal laws in gujarat

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा किए गए...

नेशनल डेस्क: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई और कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए गए। बैठक में गुजरात के गृह राज्य मंत्री, केन्द्रीय गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नए कानूनों का क्रियान्वयन जरूरी

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की आत्मा न्याय दिलाने की प्रक्रिया को तेज करने में है। उन्होंने गुजरात सरकार से आग्रह किया कि राज्य के सभी कमिश्नरेट में 30 अप्रैल 2025 तक नए आपराधिक कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए नियमित रूप से समीक्षा की आवश्यकता है, जिसमें मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हों। शाह ने गुजरात द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को और तेज करना आवश्यक है।

चार्जशीट समय पर दाखिल करने में सफलता

अमित शाह ने गुजरात के द्वारा 10 साल से अधिक सजा वाले मामलों में 92% से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल करने की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि बचे हुए मामलों में अदालत से अनुमति लेने की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से लागू किया जाना चाहिए ताकि मामलों का निपटारा समय पर हो सके। इसके साथ ही उन्होंने Zero FIR को शत-प्रतिशत FIR में बदलने की पहल को भी प्रशंसा दी।

नई तकनीकी पहल पर जोर

गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस, न्यायालय, जेल और फॉरेन्सिक प्रणाली में डिजिटल तकनीक का सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव दिया कि जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग क्यूबिकल्स की स्थापना हो, ताकि अदालत में पेशी के दौरान हिरासत में रखे गए अपराधियों को न्यायालय से सीधे जोड़ा जा सके। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों से मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने के लिए बैठक आयोजित करनी चाहिए।

फॉरेन्सिक विज्ञान पर ध्यान

अमित शाह ने गुजरात के फॉरेन्सिक क्राइम मैनेजर की पहल को सराहा और कहा कि अन्य राज्यों को इसे अपनाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने फॉरेन्सिक मामलों के निपटारे के लिए अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने फॉरेन्सिक विभाग में खाली पदों पर शीघ्र भर्ती की आवश्यकता भी जताई। इसके अलावा उन्होंने फॉरेन्सिक साइंस मोबाइल वैन की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया।

कानूनी सुधार और न्यायिक सुधार

अमित शाह ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ई-प्रोसेसेज जारी करने के निर्देश की सराहना की। उन्होंने अन्य राज्यों से भी इस पहल को अपनाने की अपील की। इसके अलावा, पुलिस थानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की गति बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

संगठित अपराध और आतंकवाद पर कड़ी नजर

गृह मंत्री ने संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिन्चिंग जैसे मामलों में उच्च स्तर से अनुमति की कड़ी व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 'Trial In Absentia' प्रावधान को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


 

 

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