Edited By Radhika,Updated: 14 Mar, 2025 03:26 PM

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में अपनी बढ़ती सक्रियता से राजनीति में हलचल मचा दी है। शाह ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि चुनाव नजदीक आने पर वे बिहार में डेरा डालेंगे। इसके अलावा मिथिला में माता सीता का मंदिर बनेगा, जबकि अयोध्या में राम...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में अपनी बढ़ती सक्रियता से राजनीति में हलचल मचा दी है। शाह ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि चुनाव नजदीक आने पर वे बिहार में डेरा डालेंगे। इसके अलावा मिथिला में माता सीता का मंदिर बनेगा, जबकि अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है। शाह का यह बयान JDU में सवाल खड़े कर गया है, क्योंकि इस बयान को JDU के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के सामने दिया गया था। इसके बाद से पार्टी में सन्नाटा पसरा हुआ है।
शाह की सक्रियता को लेकर JDU के नेता समझ नहीं पा रहे कि भाजपा का असली इरादा क्या है। जब शाह ने पहले NDA के सीएम पद के उम्मीदवार के बारे में बयान दिया था, तो JDU के अंदर नाराजगी दिखी थी। इस बार स्थिति थोड़ी अलग है, क्योंकि शाह के बयान को लेकर कोई विरोध नहीं है।
अमित शाह को भाजपा का मुख्य चुनावी रणनीतिकार माना जाता है और उनकी रणनीतियों की वजह से पार्टी को कई राज्यों में जीत मिली है। विशेष रूप से यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में शाह का बूथ स्तर पर काम करने का तरीका बेहद सफल रहा था। अब अगर शाह बिहार में डेरा डालते हैं, तो यह संकेत देता है कि भाजपा बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
इस बीच, जेडीयू के भीतर यह चिंता भी है कि अगर भाजपा उन्हें पहले जैसी अहमियत नहीं देती, तो पार्टी का भविष्य क्या होगा। वहीं जेडीयू में यह भी चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार के बेटे, निशांत कुमार को पार्टी का नेतृत्व सौंपा जा सकता है। निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। इस समय, बिहार की राजनीति में एनडीए के अन्य घटक दल भी चुप हैं, जिससे यह साफ नजर आता है कि भाजपा अब एनडीए के भीतर पूरी तरह से हावी हो गई है।