Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Dec, 2024 03:53 PM
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जो सरकारी सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है। गोरखपुर तहसील सदर के तहसील समाधान दिवस में एक वृद्ध महिला, जो ऑक्सीजन सिलेंडर पर चल रही थीं, पेंशन के लिए अपनी शिकायत लेकर पहुंची। यह महिला...
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जो सरकारी सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है। गोरखपुर तहसील सदर के तहसील समाधान दिवस में एक वृद्ध महिला, जो ऑक्सीजन सिलेंडर पर चल रही थीं, पेंशन के लिए अपनी शिकायत लेकर पहुंची। यह महिला सुमिरती देवी हैं, जो सिहोरिया गांव की निवासी हैं और 30 अप्रैल 2020 को सेवानिवृत्त हुई थीं। लेकिन, आज तक उनकी पेंशन नहीं बनी है।
4 साल से नहीं मिली पेंशन
सुमिरती देवी पहले विधुत वितरण खंड प्रथम मोहद्दीपुर में श्रमिक के तौर पर कार्यरत थीं। सेवानिवृत्त होने के चार साल बाद भी उनकी पेंशन का मामला लंबित है, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। सुमिरती देवी का इलाज भी ठीक से नहीं हो पा रहा है और वह ऑक्सीजन सिलेंडर पर जीवन बिता रही हैं।
रिश्वत और सरकारी तंत्र की लापरवाही
पेंशन के लिए कई बार विभाग में जाने पर उन्हें कर्मचारियों द्वारा नकारात्मक जवाब मिलता है और रिश्वत की मांग की जाती है। इस स्थिति से परेशान होकर सुमिरती देवी अपने पोते के साथ तहसील दिवस पर पहुंची। उनके पोते अनिल यादव ने उन्हें गोद में उठाकर रिक्शे पर बैठाया और तहसील दिवस में एसडीएम को आवेदन दिया।
एसडीएम ने दिया आदेश
सुमिरती देवी की दुखभरी कहानी सुनकर एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी ने तुरंत अधिकारियों को पेंशन बनाने के निर्देश दिए। इस आदेश के बाद सुमिरती देवी को उम्मीद जगी है कि जल्द ही उनकी पेंशन बन जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी और वे अपना इलाज भी ठीक से करवा सकेंगी।