Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Oct, 2024 01:23 PM
महाराष्ट्र की नागपुर सेंट्रल सीट पर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अनीस अहमद नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से महज कुछ मिनट से चूक गये, जिसके बाद यहां जिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर बवाल देखने को मिला।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र की नागपुर सेंट्रल सीट पर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अनीस अहमद नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से महज कुछ मिनट से चूक गये, जिसके बाद यहां जिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर बवाल देखने को मिला। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले अहमद ने कांग्रेस की टिकट पर नागपुर सेंट्रल सीट से तीन बार जीत दर्ज की है। अहमद, विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन मंगलवार को रात आठ बजे तक जिलाधिकारी कार्यालय में डटे रहे लेकिन उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि मंगलवार अपराह्न तीन बजे थी। अहमद ने कहा कि मंगलवार को उन्हें निर्वाचन अधिकारी (आरओ) के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क बंद होने, वाहनों पर प्रतिबंध और सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि वह दिन भर संबंधित दस्तावेज जमा करने में व्यस्त थे लेकिन अपराह्न तीन बजे की समय सीमा से पहले वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए थे।
अहमद ने दावा किया कि उनके सहयोगी उनके टोकन नंबर के साथ वहां बैठे थे लेकिन उन्हें निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि वरिष्ठ नेता समय सीमा से कैसे चूक सकते हैं। साथ ही ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने उन्हें चुनाव न लड़ने के लिए मनाने का प्रयास किया था।
अहमद ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से कांग्रेस खेमे में चिंता पैदा हो गई थी कि उनकी उम्मीदवारी से मुस्लिम वोटों में विभाजन हो सकता है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा हो सकता है। कांग्रेस ने इस बार नागपुर सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से बंटी शेलके को फिर से उम्मीदवार बनाया है। बंटी 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी से मामूली अंतर से हार गए थे। नागपुर सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम आबादी ज्यादा है।