Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Sep, 2024 01:39 PM
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर के प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के आरोप के बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस बीच, डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल ने शुक्रवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उसने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम...
नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर के प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के आरोप के बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस बीच, डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल ने शुक्रवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उसने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को कभी भी घी की आपूर्ति नहीं की है।
Amul का बयान
Amul ने X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा, "कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को अमूल घी की आपूर्ति की जा रही थी। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने कभी भी TTD को घी नहीं दिया है। हमारा घी पूरी तरह से शुद्ध दूध वसा से बनाया जाता है और इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे अत्याधुनिक ISO प्रमाणित सुविधाओं में तैयार किया जाता है।"
चंद्रबाबू नायडू के आरोप
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दो दिन पहले दावा किया था कि वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुमाला मंदिर के लड्डुओं में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया था। उन्होंने इस मामले में TDP के प्रबंधन पर भी सवाल उठाए।
जगन मोहन रेड्डी का जवाब
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह "धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण" है। रेड्डी ने कहा, "हमारी सरकार ने 18 बार घटिया उत्पादों को खारिज किया है। निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और आपूर्तिकर्ताओं से सख्त गुणवत्ता प्रमाणपत्र मांगे जाते हैं।"
केंद्र सरकार की जांच
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, "मामले की जांच की जाएगी और खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।"
जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "चंद्रबाबू नायडू ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और इसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।"
दूसरी ओर, TDP सांसद श्रीभरत मथुकुमिल्ली ने कहा कि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि घी की गुणवत्ता में तय मानकों का पालन नहीं हुआ है, जिसके कारण यह दूध वसा नहीं माना जा सकता। इस पूरे प्रकरण ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं की शुद्धता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं और राज्य की राजनीति में गरमागरमी बढ़ा दी है।