Edited By Parminder Kaur,Updated: 25 Jan, 2025 02:51 PM
देश में नई कारों के साथ-साथ पुरानी कारों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कार्स24 ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2030 तक पुरानी कारों की सालाना बिक्री एक करोड़ के पार पहुंच सकती है। पुरानी कारों की...
ऑटो डेस्क. देश में नई कारों के साथ-साथ पुरानी कारों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कार्स24 ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2030 तक पुरानी कारों की सालाना बिक्री एक करोड़ के पार पहुंच सकती है। पुरानी कारों की बिक्री शहरों और छोटे कस्बों दोनों में बढ़ेगी। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुरानी कारों की बिक्री में प्रमुख राज्य बने हुए हैं।
मारुति सुजुकी स्विफ्ट सबसे लोकप्रिय
पुरानी कार खरीदने वाले ग्राहकों के बीच मारुति सुजुकी स्विफ्ट सबसे पसंदीदा कार बनी हुई है। यह कार महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों और कस्बों में भी खूब खरीदी जा रही है। इसके अलावा हुंडई सैंट्रो, टाटा टियागो एनआरजी और मारुति वैगन आर जैसे मॉडल भी लगातार अच्छी रीसेल वैल्यू प्रदान कर रहे हैं और बजट के प्रति जागरूक खरीदारों के बीच इनकी लोकप्रियता बनी हुई है।
कर्ज पर निर्भरता में बढ़ोतरी
रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में कुल नई कारों में से 60 प्रतिशत कारें कर्ज पर खरीदी जाती थीं, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब है कि नई कार खरीदने के लिए ग्राहकों की कर्ज पर निर्भरता बढ़ी है। यह ट्रेंड दर्शाता है कि लोग अब लोन लेकर कार खरीदने में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं।
ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताएं
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं अब अधिक किफायती और भरोसेमंद विकल्पों की ओर बढ़ रही हैं। इसका असर पुरानी कारों के बाजार पर पड़ा है, जहां तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। कोरोना महामारी के बाद उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में भी महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब 12 प्रतिशत कार खरीदारों ने साझा परिवहन के बजाय व्यक्तिगत मोबिलिटी को प्राथमिकता दी है, जिससे कार खरीदने की प्रवृत्ति बढ़ी है।