Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Mar, 2025 04:57 PM
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उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान चार लापता मजदूरों में से एक का शव रविवार को बरामद हुआ, जिसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। बचाव अभियान में खोजी कुत्तों...
नेशनल डेस्क. उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान चार लापता मजदूरों में से एक का शव रविवार को बरामद हुआ, जिसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। बचाव अभियान में खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है।
माणा गांव के पास सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर पर हिमस्खलन हुआ था, जिससे 54 मजदूर बर्फ में फंस गए थे। इनमें से 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया था, जबकि शनिवार को चार की मौत की पुष्टि हुई थी। तीन मजदूर अब भी लापता हैं और उनका पता लगाने के लिए अभियान जारी है।
सेना के अस्पताल में 46 श्रमिकों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें से एक को रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया। बाकी मजदूरों की हालत भी गंभीर बताई जा रही है, लेकिन उनका इलाज जारी है।
चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि मौसम साफ है और जल्द ही ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सिस्टम घटनास्थल पर पहुंचने वाला है, जिससे लापता मजदूरों की तलाश को गति मिल सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि जीपीआर उपकरण को सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, संचार तथा अन्य सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मारे गए मजदूरों के शव उनके घर भेजे जाएंगे और इस संबंध में चमोली जिला प्रशासन को सभी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सोमवार से मौसम खराब होने या फिर हिमस्खलन की आशंका है। ऐसे में इन स्थानों पर काम रोकने या लोगों को वहां से हटाने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रभावित गांवों में खाद्य और अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जा रही है और बिजली की आपूर्ति भी बहाल कर दी गई है।