Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Jan, 2025 08:32 PM
उत्तर प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा विभाग को लेकर उठा यह विवाद अब राजनीतिक मोड़ ले चुका है। आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल ने जहां षड्यंत्र और साजिश के आरोप लगाए हैं, वहीं विपक्ष ने SIT जांच की मांग तेज कर दी है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सियासी घमासान मचा हुआ है। तकनीकी शिक्षा विभाग में कथित भ्रष्टाचार और पदोन्नति घोटाले के आरोपों के बीच मंत्री आशीष पटेल और उनकी पत्नी, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने STF और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला तब तूल पकड़ गया, जब सपा विधायक पल्लवी पटेल ने तकनीकी शिक्षा विभाग में अवैध प्रमोशनों का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
आरोपों की शुरुआत
पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि तकनीकी शिक्षा विभाग में मौजूदा नियमों की अनदेखी करते हुए 250 से अधिक लेक्चरर्स को अवैध रूप से प्रमोशन दिया गया और उन्हें विभिन्न कॉलेजों में प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। उन्होंने 1 जनवरी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर SIT जांच की मांग की। इससे पहले, 16 दिसंबर को उन्होंने विधानसभा परिसर में धरना देकर इस मुद्दे को उठाया था।
मंत्री आशीष पटेल का पलटवार
मामले के तूल पकड़ने के बाद मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा, "अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो मेरे सभी फैसलों की CBI जांच करवा सकते हैं।" साथ ही उन्होंने STF पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि "अगर षड्यंत्र बंद नहीं हुआ तो STF मेरे सीने पर गोली मार दे।"
अनुप्रिया पटेल का समर्थन
इस विवाद में केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अपने पति के बचाव में उतर आईं। उन्होंने मीडिया से कहा, "हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिष्ठा पर आंच नहीं आने देंगे। षड्यंत्र का करारा जवाब दिया जाएगा।" उन्होंने बिना किसी का नाम लिए इशारों में योगी सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी की छवि धूमिल करने की कोशिशों को नाकाम किया जाएगा।
राजनीतिक उठापटक
सिराथू सीट से सपा विधायक पल्लवी पटेल और अनुप्रिया पटेल के बीच राजनीतिक तनातनी पहले से ही चर्चा में रही है। अब इस विवाद ने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को और गहरा कर दिया है। मंत्री आशीष पटेल ने इस पूरे मामले में सूचना विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।