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मार्क जुकरबर्ग के लोकसभा चुनाव 2024 पर विवादित बयान को लेकर Meta ने भारत से मांगी माफी

Edited By Tanuja,Updated: 15 Jan, 2025 01:40 PM

apologise for inadvertent error  meta on zuckerberg s remark

कंपनी के संस्थापक और CEO मार्क जुकरबर्ग से जुड़े  एक विवादित बयान के बाद Meta (पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था) ने भारत से माफी मांगी है। मार्क जुकरबर्ग ने...

Washington: Meta (पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था) ने कंपनी के संस्थापक और CEO मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) से जुड़े  एक विवादित बयान के बाद भारत (India) से माफी मांगी है। मार्क जुकरबर्ग ने लोकसभा चुनाव 2024 पर एक सार्वजनिक बयान दिया था, जिसे लेकर कई भारतीयों और राजनीतिक विशेषज्ञों में असहमति और नाराजगी की लहर दौड़ गई। इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद, मेटा ने इसे एक गलती स्वीकार किया और भारत से माफी मांगने का फैसला किया।

 
मेटा ने मांगी माफी

मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान भारत के लोकसभा चुनाव 2024 पर टिप्पणी की थी। उनका यह बयान ऐसा था, जिससे यह आभास हुआ कि उनका बयान भारत के चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है। इस बयान से यह चिंताएं उत्पन्न हुईं कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर गलत जानकारी फैलाने या राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ाने के प्रयास किए जा सकते हैं। जुकरबर्ग के बयान के बाद, मेटा ने तुरंत एक आधिकारिक बयान जारी किया और इस बयान को एक  अविचारपूर्ण गलती  करार दिया। मेटा ने कहा कि उनके सीईओ का इरादा कभी भी भारत के चुनावों में हस्तक्षेप करने का नहीं था और उन्होंने अपने बयान के लिए भारत से माफी मांगी। मेटा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके प्लेटफार्म्स का उद्देश्य हमेशा निष्पक्षता, सटीकता और संतुलित जानकारी प्रदान करना है।

 

 क्या था मार्क जुकरबर्ग का बयान ?
जुकरबर्ग ने अपने बयान में दावा किया था कि कोविड-19 के बाद 2024 में हुए चुनावों में भारत समेत कई देशों की मौजूदा सरकारें गिर गईं।10 जनवरी को एक पॉडकास्ट में फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने 2024 के चुनावों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोविड महामारी के बाद लोगों का मौजूदा सरकारों पर भरोसा कम हो गया। उन्होंने उदाहरण देते हुए भारत का भी उल्लेख किया। जुकरबर्ग ने कहा,   "2024 में पूरी दुनिया में एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत कई देशों में चुनाव हुए, और लगभग हर जगह मौजूदा सरकारें हार गईं। कोविड, महंगाई और आर्थिक संकट जैसे मुद्दों के कारण सरकारों पर लोगों का विश्वास कम हुआ।"   

 

सूचना प्रौद्योगिकी समिति का एतराज
उनके इस बयान पर संसद की संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने  कड़ी आपत्ति जताई  और कहा कि ऐसी गलत जानकारी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की छवि को धूमिल करती है। दुबे ने मेटा से इस बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की थी। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा,  “भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत जानकारी देना उसकी छवि को खराब करता है। मेटा को संसद और भारतीय जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”

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