Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Jan, 2025 11:58 PM
मणिपुर में जातीय संघर्ष के लिए पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा ‘माफी' मांगे जाने के एक दिन बाद बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि माफी मांगना काफी नहीं है, अगर वह मानते हैं कि स्थिति को संभालने में नाकाम रहे...
नेशनल डेस्क : मणिपुर में जातीय संघर्ष के लिए पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा ‘माफी' मांगे जाने के एक दिन बाद बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि माफी मांगना काफी नहीं है, अगर वह मानते हैं कि स्थिति को संभालने में नाकाम रहे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने मणिपुर की ‘‘अनदेखी'' करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा।
गहलोत ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने लोगों से माफी मांगी है। माफ ही काफी नहीं है। मणिपुर में जो हुआ, वह इतिहास में देश के किसी अन्य राज्य में कभी नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां नहीं गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से (कोविड-19 महामारी के दौरान) थाली बजाने के लिए कहा था और लोगों ने उनकी बात सुनी। इसलिए, अगर वह वहां गए होते तो दोनों समुदायों के लोग उनकी बात सुनते। उन्होंने एक राज्य को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया।'' गहलोत की टिप्पणी मणिपुर में जातीय संघर्ष के लिए सिंह द्वारा माफी मांगने के एक दिन बाद आई। इस हिंसा में मई 2023 से 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए है।
सिंह ने इंफाल में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैं राज्य में जो कुछ हुआ उसके लिए खेद व्यक्त करना चाहता हूं। कई लोगों ने अपनों को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। मैं खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं। लेकिन पिछले तीन-चार महीनों में अपेक्षाकृत शांति देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि आने वाले साल में स्थिति सामान्य हो जाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो हुआ सो हुआ... मैं सभी समुदायों से माफ करने की अपील करना चाहता हूं और पिछली गलतियों को भूल जाओ। शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर में एक साथ रहकर नए सिरे से जीवन शुरू करें।'' गहलोत ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री 18 माह के खून-खराबे के बाद अब माफी मांग रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वह क्या संदेश देना चाहते हैं। अगर वह स्थिति को संभालने में नाकाम रहे थे तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था।''
कांग्रेस नेता ने अशांति के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘क्या केंद्र मुख्यमंत्री को नहीं बदल सकता था? हालांकि यह कोई बड़ी बात नहीं होती, लेकिन हिंसा तो रुक जाती।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने बहुत बड़ा अपराध किया है। उन्होंने मणिपुर को ऐसे अनदेखा किया जैसे मानो वह भारत का हिस्सा ही न हो। प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए था।'' राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य में नौ जिले समाप्त कर दिए गए, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में लोगों की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए, खर्च का नहीं। जयपुर मेट्रो शुरू की गई, लेकिन जब हमारी सरकार बदली तो कहा गया कि इसमें पैसा बर्बाद हुआ। जयपुर को मेट्रो की जरूरत नहीं थी, यह घाटे का सौदा है। इसलिए मैंने कहा कि दुनिया भर में चल रही मेट्रो घाटे का सौदा है, लेकिन जनता को सुविधा देने के लिए इन्हें चलाना होगा।'' राजस्थान सरकार ने हाल ही में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गठित नौ जिलों को समाप्त कर दिया और कहा कि ये न तो ‘‘व्यावहारिक'' हैं और न ही ‘‘जन हित'' में हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन नए संभाग भी समाप्त कर दिए गए।