Edited By Parminder Kaur,Updated: 09 Nov, 2024 12:35 PM
भारत जल्द ही एप्पल के नए उत्पादों के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है, जिसमें शोध, डिजाइन और परीक्षण जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। क्यूपर्टिनो स्थित कंपनी ने भारत में एक पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्थापित की है, जिसका नाम Apple...
नेशनल डेस्क. भारत जल्द ही एप्पल के नए उत्पादों के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है, जिसमें शोध, डिजाइन और परीक्षण जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। क्यूपर्टिनो स्थित कंपनी ने भारत में एक पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्थापित की है, जिसका नाम Apple Operations India रखा गया है।
नई सहायक कंपनी की गतिविधियाँ
नई सहायक कंपनी की नियामक फाइलिंग में बताया गया है कि यह इंजीनियरिंग उपकरणों की खरीद, सुविधाओं का पट्टा, हार्डवेयर विकास के लिए इंजीनियरों की नियुक्ति और समूह कंपनियों को विफलता विश्लेषण सेवाएं प्रदान करने जैसी गतिविधियाँ करेगी। इसके अलावा एप्पल ने एक 'कम्फर्ट लेटर' जारी किया है, जिसमें यह आश्वासन दिया गया है कि कंपनी "भविष्य तक परिचालन और वित्तीय समर्थन" प्रदान करेगी।
भारत में पहली बार हार्डवेयर डिजाइन और परीक्षण
अगर एप्पल भारत में हार्डवेयर डिज़ाइन और परीक्षण शुरू करता है, तो यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। वर्तमान में एप्पल केवल अमेरिका, चीन, जर्मनी और इज़राइल में शोध और विकास (R&D) करता है। एप्पल ने पहले कभी अपनी अमेरिकी मूल कंपनी का सीधा सहायक संगठन भारत में स्थापित नहीं किया है।
भारत में एप्पल की परिचालन उपस्थिति
एप्पल इंडिया की वर्तमान बिक्री और विपणन इकाई यूरोप के संचालन के तहत आती है और इसे आयरलैंड स्थित Apple Operations International के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। भारत में एप्पल के उत्पादों का निर्माण बाहरी भागीदारों द्वारा किया जाता है और नई सहायक कंपनी तीसरे पक्ष के निर्माताओं और ठेकेदारों को हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर और अन्य सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगी।
नई सहायक कंपनी का निवेश
Apple Operations India ने भारत में 38.2 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश की योजना बनाई है और इसके पास 36.8 करोड़ रुपये का स्थिर संपत्ति है। मोहित यादव AltInfo नामक बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म के संस्थापक हैं। उन्होंने कहा कि "यह सहायक कंपनी अभी निवेश के चरण में है, लेकिन इसके कार्यक्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग सपोर्ट, आपूर्ति प्रबंधन और शोध एवं विकास (R&D) क्षमताओं पर जोर दिया गया है, जो एप्पल की भारत में अपनी परिचालन उपस्थिति को बढ़ाने की रणनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
भारत में R&D ऑपरेशन का विस्तार
वर्तमान में Samsung, LG और Sony जैसी प्रमुख वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के पास भारत में R&D ऑपरेशंस हैं, लेकिन ये मुख्य रूप से उत्पादों के हार्डवेयर स्थानीयकरण और वैश्विक लॉन्च के लिए सॉफ़्टवेयर विकास तक सीमित हैं। इसके अलावा चीनी मोबाइल निर्माता Oppo और Vivo के पास भी भारत में समान प्रकार के R&D ऑपरेशंस हैं।
एप्पल का भारत में महत्व
Tarun Pathak Counterpoint Research के निदेशक हैं। वह कहते हैं कि भारत में एप्पल का R&D यूनिट स्थापित करना अमेरिका और चीन के रिश्तों के कारण नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमताओं का फायदा उठाने के लिए है। भारत में एप्पल का एक मजबूत ऐप डेवलपर बेस है, जिसमें 17,000 से अधिक डेवलपर्स और बेंगलुरु में एक डेवलपर सेंटर शामिल हैं। एप्पल की R&D कंपनी यह साबित करती है कि भारत एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।"
एप्पल का बिक्री रिकॉर्ड
एप्पल की Apple Operations India की फाइलिंग में बताया गया है कि कंपनी विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और एप्लाइड टेक्नोलॉजी से संबंधित अनुसंधान और विकास, डिज़ाइन, तकनीकी परीक्षण और विश्लेषण जैसी सेवाएं प्रदान करेगी। इसके अलावा यह तीसरे पक्ष के निर्माताओं और ठेकेदारों को विभिन्न उपकरणों, घटकों और प्रणालियों को किराए पर देने या अन्य तरीकों से उपलब्ध कराने का काम भी करेगी।
भारत में एप्पल के बिक्री आंकड़े
एप्पल पिछले कुछ वर्षों में भारत में हर तिमाही में नया बिक्री रिकॉर्ड बना रहा है, जैसा कि एप्पल के CEO Tim Cook ने अपनी कंपनी की कमाई कॉल्स में उल्लेख किया है। एप्पल वर्तमान में भारत में दो कंपनी स्वामित्व वाले स्टोर चला रहा है और अगले कुछ महीनों में चार और स्टोर खोलने की योजना बना रहा है। एप्पल के उत्पादों के लिए हैदराबाद में नक्शे विकसित किए जा रहे हैं। इसके अलावा एप्पल ने भारत में तीन साझेदारों के माध्यम से अपने उत्पादन संचालन को बढ़ाया है और अब वह देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातक बन चुका है।
भारत में उत्पादन वृद्धि
आर्थिक सर्वे के अनुसार, भारत एप्पल के कुल उत्पादन का लगभग 14% योगदान करता है। एप्पल ने 2017 में Wistron के साथ भारत में iPhones असेंबल करना शुरू किया था और कोविड-19 महामारी के बाद स्थानीय उत्पादन को तेज़ किया। सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू की थी, जिसके तहत Foxconn, Tata Electronics (जिसने Wistron प्लांट खरीदी) और Pegatron ने अनुबंध निर्माण किया।