महाकुंभ 2025 में साध्वी बनकर रहेंगी Apple फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन

Edited By Pardeep,Updated: 10 Jan, 2025 05:44 AM

apple founder steve jobs wife lauren will be a sadhvi in maha kumbh 2025

प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 इस बार विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि इसमें न केवल लाखों भारतीय श्रद्धालु और साधक भाग लेंगे, बल्कि देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां भी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनेंगी।

नेशनल डेस्कः प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 इस बार विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि इसमें न केवल लाखों भारतीय श्रद्धालु और साधक भाग लेंगे, बल्कि देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां भी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनेंगी। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक किया जाएगा, और 12 साल बाद यह विशाल समागम प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ का महत्व धार्मिक रूप से अत्यधिक है, और इसमें हर उम्र, जाति और पंथ के लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए आते हैं। इस वर्ष, विशेष रूप से दुनिया भर के वीवीआईपी और प्रमुख व्यक्तित्व महाकुंभ में शामिल होंगे, जिनमें से एक हैं एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स।

लॉरेन पॉवेल का महाकुंभ में कल्पवास

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स का हिंदू और बौद्ध धर्म से गहरा जुड़ाव है। महाकुंभ में उनकी भागीदारी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि वह इस पवित्र आयोजन के दौरान कल्पवास करेंगी। लॉरेन पॉवेल 29 जनवरी 2025 तक महाकुंभ में रहेंगी और पौण पूर्णिमा के दिन संगम में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाएंगी। इसके बाद वह संगम की रेती पर कल्पवास करेंगी।

कल्पवास एक हिंदू धार्मिक परंपरा है, जो आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक अनुशासन पर आधारित होती है। यह परंपरा महाभारत और रामचरितमानस में भी वर्णित है। 'कल्प' का अर्थ ब्रह्मांडीय युग से है और 'वास' का अर्थ है—प्रवास या निवास। इस दौरान भक्त सभी भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग करके अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए कठिन साधना करते हैं।

लॉरेन के ठहरने के लिए निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में विशेष व्यवस्था की गई है। यहाँ वह महाकुंभ के दौरान आध्यात्मिक जीवन का अनुभव करेंगी।

महाकुंभ में अन्य वीवीआईपी महिलाएं

महाकुंभ में इस बार कई अन्य प्रमुख महिलाएं भी शामिल होंगी, जिनका योगदान और आस्था भारतीय समाज में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इनमें से कुछ प्रमुख महिलाएं हैं: 

सुधा मूर्ति: विप्रो के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति भी महाकुंभ में संगम स्नान करेंगी। उनकी यात्रा के लिए उल्टा किला के पास विशेष कॉटेज तैयार किया गया है।

सावित्री देवी जिंदल: ओमप्रकाश जिंदल फाउंडेशन की अध्यक्ष और जिंदल समूह की प्रमुख सदस्य, सावित्री देवी जिंदल महाकुंभ में स्नान करने के लिए आ रही हैं और उनके ठहरने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

हेमा मालिनी: बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा नेता हेमा मालिनी भी महाकुंभ में स्नान करने के लिए संगम पहुंचेंगी। वह जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के शिविर में ठहरने की योजना बना रही हैं। 

महाकुंभ का धार्मिक महत्व

महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 साल में होता है। यह आयोजन प्रयागराज के संगम—गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम स्थल पर होता है। महाकुंभ के दौरान, लाखों लोग पवित्र स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं, जो उनकी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है।

महाकुंभ में हर दिन विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जिसमें संत महात्मा, साधु-संत और भक्तगण भाग लेते हैं। इसके अलावा, इस अवसर पर विश्वभर के लोग आने का प्रयास करते हैं, क्योंकि यहां पवित्र डुबकी लगाने से जीवन के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

महाकुंभ 2025: एक विशेष अवसर 
महाकुंभ 2025 सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक विशेष धार्मिक समागम बनकर उभरेगा। इस बार के महाकुंभ में न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल होंगी, जो इस आयोजन को और भी महान बना देंगी।

आध्यात्मिक साधना और आस्था के प्रतीक इस आयोजन में दुनिया भर से लोग जुड़ते हैं, और यह एक ऐसा अवसर होता है जब धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का अद्वितीय प्रदर्शन होता है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!