Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Mar, 2025 02:47 PM

अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल अब भारत में अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है। कंपनी ने भारतीय कंपनियों विप्रो एंटरप्राइजेज और लक्ष्मी मशीन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) से बातचीत करना शुरू कर...
नेशनल डेस्क। अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल अब भारत में अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है। कंपनी ने भारतीय कंपनियों विप्रो एंटरप्राइजेज और लक्ष्मी मशीन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) से बातचीत करना शुरू कर दिया है। इस कदम के जरिए एप्पल भारतीय कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है जिससे वह भारत में अपने कारोबार को बढ़ा सके।
विप्रो और एलएमडब्ल्यू से बातचीत
रिपोर्ट के अनुसार एप्पल इन कंपनियों के साथ अपनी आपूर्ति श्रृंखला के लिए पुर्जे और घटकों की आपूर्ति करने की योजना पर चर्चा कर रहा है। एक सूत्र ने बताया, "एप्पल विप्रो एंटरप्राइजेज के साथ उन्नत बातचीत कर रहा है और लक्ष्मी मशीन वर्क्स के साथ प्रारंभिक बातचीत कर रहा है। ये बातचीत कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला को जोखिम से मुक्त करने की दिशा में एक कदम है।"
एप्पल का भारत में बढ़ता प्रभाव
यह घटनाक्रम इस बात का संकेत देता है कि एप्पल भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहा है। भारतीय कंपनियों की बढ़ती सूची में टाटा समूह, मदरसन समूह, एक्वस और भारत फोर्ज जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। एप्पल की इस रणनीति के माध्यम से वह अपने आपूर्ति नेटवर्क को अधिक लचीला और प्रभावी बनाना चाहता है।
लॉजिस्टिक जोखिम और परिचालन लागत में कमी
कोआन एडवाइजरी ग्रुप के सीनियर एसोसिएट ध्रुव शेखर ने कहा, "विप्रो और लक्ष्मी मशीन वर्क्स जैसे स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारी कर एप्पल का उद्देश्य लॉजिस्टिक जोखिम को कम करना और परिचालन लागत को घटाना है। इससे कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन बढ़ेगा।"
भारत सरकार के प्रोत्साहन और सहयोग
इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए प्रोत्साहन योजना पर विचार कर रही है जिससे एप्पल अपने स्थानीय संबंधों को और मजबूत कर सकेगा। इस कदम से कंपनी को भारत में अपने कारोबार की कुल लागत में कमी करने में मदद मिलेगी और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से एप्पल भारतीय कंपनियों के साथ तकनीकी और वित्तीय विकास को भी बढ़ावा देने का मौका प्राप्त करेगा।
वहीं एप्पल का यह कदम भारत में न केवल स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को समर्थन देगा बल्कि देश में रोजगार के अवसरों और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।