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Apple ने भारत से लगभग 2 बिलियन डॉलर के iPhone अमेरिका भेजे, कंपनी ने इस वजह से लिया फैसला

Edited By Pardeep,Updated: 16 Apr, 2025 12:29 AM

apple shipped iphones worth nearly 2 billion from india to the us

मार्च 2025 में एप्पल के प्रमुख भारतीय सप्लायर्स फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अमेरिका को लगभग 2 अरब डॉलर (करीब ₹16,500 करोड़) मूल्य के iPhone भेजे।

नेशनल डेस्कः मार्च 2025 में एप्पल के प्रमुख भारतीय सप्लायर्स फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अमेरिका को लगभग 2 अरब डॉलर (करीब ₹16,500 करोड़) मूल्य के iPhone भेजे। यह अब तक का सबसे बड़ा एक महीने का निर्यात है। एप्पल ने यह कदम अमेरिका में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए जा रहे संभावित टैरिफ (शुल्क) से बचने के लिए उठाया।

टैरिफ से बचने के लिए हवाई जहाज से भेजे फोन
मार्च में एप्पल ने भारत में iPhone का उत्पादन तेज किया और उन्हें चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट्स (विशेष मालवाहक विमान) से अमेरिका भेजा। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने लगभग 600 टन iPhones हवाई मार्ग से भेजे ताकि अमेरिका में स्टॉक की कमी न हो और टैरिफ से पहले अधिकतम फोन पहुंचाए जा सकें।

फॉक्सकॉन का रिकॉर्ड निर्यात

  • फॉक्सकॉन, जो तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित है और एप्पल का सबसे बड़ा भारतीय सप्लायर है, ने मार्च में अकेले $1.31 अरब (लगभग ₹10,800 करोड़) मूल्य के iPhones अमेरिका भेजे।
  • यह संख्या जनवरी और फरवरी महीने के कुल निर्यात के बराबर है।
  • इसमें iPhone 13, 14, 16 और 16e मॉडल शामिल थे।
  • 2025 की शुरुआत से अब तक फॉक्सकॉन ने अमेरिका को $5.3 अरब मूल्य के iPhones भेजे हैं।


टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की बड़ी छलांग

  • एप्पल के दूसरे भारतीय सप्लायर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने मार्च में $612 मिलियन (₹5,050 करोड़) मूल्य के iPhones निर्यात किए, जो पिछले महीने की तुलना में 63% अधिक है।
  • इसमें खास तौर पर iPhone 15 और iPhone 16 मॉडल शामिल थे।


ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति

  • अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने भारत से होने वाले आयात पर 26% शुल्क लगाया, जबकि चीन से आयात पर यह शुल्क 100% से भी अधिक था।
  • हालांकि, बाद में अमेरिका ने भारत समेत कुछ देशों के लिए ये शुल्क तीन महीने के लिए रोक दिए, लेकिन चीन के लिए टैरिफ जारी रखा।


iPhone एयरलिफ्ट: चेन्नई से अमेरिका

  • फॉक्सकॉन के सभी शिपमेंट चेन्नई एयर कार्गो टर्मिनल से हवाई मार्ग द्वारा भेजे गए।
  • ये फोन लॉस एंजेलिस, न्यूयॉर्क और सबसे ज्यादा शिकागो में उतारे गए।
  • इस काम के लिए कम से कम छह कार्गो जेट विमानों का इस्तेमाल किया गया।


कस्टम क्लियरेंस में मदद

  • एप्पल ने भारत के एयरपोर्ट अधिकारियों से आग्रह किया कि चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया को 30 घंटे से घटाकर सिर्फ 6 घंटे कर दिया जाए ताकि माल जल्दी रवाना हो सके।
  • एक सूत्र के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया "टैरिफ को हराने की रणनीति" का हिस्सा थी।


कंपनियों की प्रतिक्रिया नहीं

  • एप्पल, फॉक्सकॉन और टाटा की ओर से अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
  • यह रिपोर्ट Reuters द्वारा सबसे पहले प्रकाशित की गई है।


भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ता रोल
यह घटनाक्रम भारत में एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की भूमिका को और मजबूत करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत, एप्पल का एक प्रमुख उत्पादन केंद्र बन सकता है, खासकर चीन में बढ़ती अनिश्चितताओं को देखते हुए।

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