Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jan, 2025 07:04 PM
पांच साल पहले ऐपल पर आरोप लगा था कि उसने बिना अनुमति के अपने वर्चुअल असिस्टेंट Siri के जरिए यूजर्स की बातचीत सुनी। यह मामला एक क्लास एक्शन लॉसूट के रूप में सामने आया था, और अब ऐपल ने इस विवाद को खत्म करने के लिए 95 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 814.5...
नई दिल्ली: पांच साल पहले ऐपल पर आरोप लगा था कि उसने बिना अनुमति के अपने वर्चुअल असिस्टेंट Siri के जरिए यूजर्स की बातचीत सुनी। यह मामला एक क्लास एक्शन लॉसूट के रूप में सामने आया था, और अब ऐपल ने इस विवाद को खत्म करने के लिए 95 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 814.5 करोड़ रुपए) का सेटलमेंट ऑफर किया है। इस सेटलमेंट का उद्देश्य उन यूजर्स को मुआवजा देना है, जिनकी प्राइवेट बातें ऐपल के डिवाइसेज पर रिकॉर्ड की गई थीं।
क्या था आरोप?
ऐपल पर यह आरोप था कि वह Siri के जरिए बिना यूजर्स की अनुमति के उनकी आवाज़ रिकॉर्ड करता था और इन रिकॉर्डिंग्स को विज्ञापनदाताओं के साथ भी शेयर किया गया था। Siri ऐपल का वॉयस असिस्टेंट है, जो iPhone, iPads, MacBooks, Apple Watches जैसे कई डिवाइसेज में मौजूद होता है। यूजर्स का दावा था कि Siri बिना उनके आदेश के एक्टिवेट हो जाता और उनकी निजी बातें रिकॉर्ड करता था।
कौन-कौन से यूजर्स को मिलेगा मुआवजा?
17 सितंबर 2014 से लेकर 31 दिसंबर 2024 के बीच Siri वाले ऐपल डिवाइसेज खरीदने वाले यूजर्स को मुआवजा दिया जाएगा। यदि यह सेटलमेंट मंजूर हो जाता है, तो प्रत्येक यूजर को करीब 20 डॉलर (लगभग 1720 रुपए) मिलेंगे। ये डिवाइसेज iPhone, iPad, Apple Watch, MacBook, HomePod, iPod touch, और Apple TV जैसे उपकरणों में शामिल हैं। प्रत्येक यूजर 5 डिवाइसेज तक के लिए दावा कर सकता है।
14 फरवरी को अगली सुनवाई
हालांकि ऐपल ने सेटलमेंट के लिए तैयार होकर 14 फरवरी को एक अदालत की सुनवाई रखी है। यदि अदालत ने इसे मंजूरी दे दी, तो ऐपल प्रभावित यूजर्स को नोटिस भेजेगा और साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि उनके निजी फोन कॉल्स पूरी तरह से डिलीट कर दिए जाएं।
यूजर्स की जीत
इस मामले पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक बड़ी जीत है, क्योंकि अगर सेटलमेंट नहीं होता और कोर्ट ने ऐपल को दोषी करार दिया होता, तो कंपनी को 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,000 करोड़ रुपए) तक का जुर्माना देना पड़ सकता था। इससे प्रभावित यूजर्स को काफी बड़ा मुआवजा मिल सकता था। हालांकि, ऐपल ने अपनी गलती स्वीकार करने से इनकार किया है और कहा है कि यह वॉयस रिकॉर्डिंग "अनजाने में" हुई थी, खासकर जब "Hey Siri" फीचर 2014 में लॉन्च हुआ था।