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क्या कंपनियां खाद्य उत्पादों पर एक्सपायरी डेट छुपा रही हैं? जानें क्या है नियम

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Mar, 2025 01:46 PM

are companies hiding expiry dates on food products

क्या आपने कभी किसी खाद्य उत्पाद की एक्सपायरी डेट ढूंढने की कोशिश की है? खासकर जब वह उत्पाद छोटे पैकेट्स, ट्यूब या बॉटल में हो, तो आपको यह डेट ढूंढने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है!

नेशनल डेस्क: क्या आपने कभी किसी खाद्य उत्पाद की एक्सपायरी डेट ढूंढने की कोशिश की है? खासकर जब वह उत्पाद छोटे पैकेट्स, ट्यूब या बॉटल में हो, तो आपको यह डेट ढूंढने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है! एक्सपायरी डेट का सही तरीके से उल्लेख ना होने से उपभोक्ताओं के लिए कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बावजूद इसके, भारत में खाद्य उत्पादों पर एक्सपायरी डेट को पढ़ना और ढूंढना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

कंपनियां क्यों करती हैं एक्सपायरी डेट को छुपा?

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने यह स्पष्ट किया है कि खाद्य उत्पादों पर एक्सपायरी या 'यूज बाय' डेट 3 मिमी के फॉन्ट साइज में, नीले, काले या सफेद रंग में लिखी जानी चाहिए ताकि उपभोक्ता इसे आसानी से पढ़ सकें। फिर भी, यह नियम अधिकांश उत्पादों पर लागू नहीं हो रहा। कई कंपनियां, जैसे चॉकलेट, बिस्किट, टूथपेस्ट, और कोल्ड ड्रिंक्स, इन उत्पादों पर एक्सपायरी डेट छिपाने का तरीका अपनाती हैं। कहीं यह डेट रैपर के अंदर उकेरी जाती है, तो कहीं पैकेट के किसी कोने में इतनी छोटी होती है कि उसे ढूंढ पाना मुश्किल हो जाता है।

क्यों जरूरी है एक्सपायरी डेट का सही तरीके से उल्लेख?

एक्सपायरी डेट के बाद किसी खाद्य उत्पाद का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। समय के साथ इन उत्पादों की गुणवत्ता, स्वाद, रंग और गंध में बदलाव आता है, जिससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ऐसे उत्पादों का सेवन फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द, दस्त, उल्टी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसके अलावा, एक्सपायर्ड प्रोडक्ट्स का लंबे समय तक सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी बुरा असर डाल सकता है। इसीलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता को आसानी से उत्पाद की एक्सपायरी डेट मिल सके।

कैसे मिलती है एक्सपायरी डेट?

चॉकलेट: चॉकलेट के रैपर पर एक्सपायरी डेट अक्सर छुपी रहती है। यह डेट रैपर के अंदर मुड़े हिस्से में लिखी होती है और रंग भी बहुत हल्का होता है, जिससे पढ़ना मुश्किल हो जाता है। उपभोक्ता को इसके लिए रैपर को पलटकर ध्यान से देखना पड़ता है।

टूथपेस्ट: टूथपेस्ट के बॉक्स पर तो एक्सपायरी डेट मिल जाती है, लेकिन ट्यूब पर यह उकेरी जाती है। ट्यूब के जॉइंट पर लिखी डेट को देख पाना मुश्किल होता है, क्योंकि यह ठीक से पढ़ने लायक नहीं होती।

बिस्किट: बिस्किट पैकेट्स पर एक्सपायरी डेट अक्सर छोटे और डॉटेड फॉन्ट में लिखी होती है, जो आसानी से पढ़ी नहीं जा सकती। कई बार यह डेट मल्टीकलर पैकेट्स पर होती है, जिससे यह और भी मुश्किल हो जाता है।

टॉफ़ी: कई बार टॉफी पर तो एक्सपायरी डेट ही नहीं होती, जिससे उपभोक्ता यह नहीं जान पाते कि उन्हें जो टॉफी बेची जा रही है, वह एक्सपायर्ड है या नहीं। यह नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि हर बिकने वाले प्रोडक्ट पर एक्सपायरी डेट होना अनिवार्य है।

कंपनियों के नियमों का उल्लंघन

एफएसएसएआई के मुताबिक, हर खाद्य उत्पाद पर एक्सपायरी डेट और बारकोड होना चाहिए। इन नियमों के उल्लंघन पर कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाता है। 2023 में, एक्सपायरी डेट से जुड़े मामलों में 4,120 सैंपल की जांच की गई और डिफॉल्ट करने वालों से 2.7 करोड़ रुपये जुर्माना भी वसूला गया। हालांकि, फिर भी कंपनियां इन नियमों का पालन नहीं कर रही हैं और उपभोक्ताओं को यह डेट ढूंढने में कठिनाई हो रही है।

किससे करें शिकायत?

अगर आपको किसी उत्पाद पर एक्सपायरी डेट में गड़बड़ी दिखे, तो आप जिला खाद्य सुरक्षा कमिश्नर से शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता फोरम या "जागो ग्राहक जागो" पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है।

क्या हैं नियम?

  1. खाद्य उत्पादों पर एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य है, चाहे वह हलवाई की दुकान पर बिकने वाली मिठाइयां हों या पैक्ड प्रोडक्ट्स।
  2. एक्सपायरी डेट को उपभोक्ता आसानी से पढ़ सके, इसके लिए यह बड़े फॉन्ट साइज (कम से कम 3 मिमी) में और अच्छे रंग में लिखा जाना चाहिए।
  3. हर उत्पाद पर बारकोड होना चाहिए, जिससे उत्पाद की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सके।
  4. लेबल की जानकारी पैकेट के 40% हिस्से में होनी चाहिए और यह आसानी से पढ़ने योग्य हो।
  5. प्रोडक्ट के फ्रंट पर शाकाहारी या मांसाहारी का संकेत भी होना चाहिए।

विशेषज्ञों की राय

उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. रिजीना और खाद्य विशेषज्ञ हेमंत गोयल का मानना है कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक्सपायरी डेट को स्पष्ट रूप से पैकेट के फ्रंट पर और बड़े फॉन्ट में लिखा जाना चाहिए। इससे उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि वे एक्सपायर्ड उत्पाद का सेवन नहीं कर रहे हैं।

 

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