Edited By Monika Jamwal,Updated: 02 Nov, 2020 01:27 PM
''ऑपरेशन बिसन'' में भारतीय सैनिकों के साहसिक कारनामे को याद करते हुए रविवार को द्रास के समीप जोजिला युद्ध स्मारक पर जोजिला दिवस मनाया गया।
लेह: 'ऑपरेशन बिसन' में भारतीय सैनिकों के साहसिक कारनामे को याद करते हुए रविवार को द्रास के समीप जोजिला युद्ध स्मारक पर जोजिला दिवस मनाया गया। जोजिला दर्रे की बर्फीली ऊंचाइयों पर वर्ष 1948 में यह ऑपरेशन चलाया गया था। रक्षा प्रवक्ता ने यह जानकारी दी ।
प्रवक्ता ने बताया कि लेह के फायर एवं फ्यूरी कोर के 'रएवर इन ऑपरेशन' डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रवीण कुमार एयरी ने माल्यार्पण कर भारतीय सेना की ओर से साहसी शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने जोजिला दर्रे को पाकिस्तानी घुसपैठियों से मुक्त कराते हुए इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया।
उन्होंने कहा, "जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी के अदम्य साहस का प्रतीक है। यह लड़ाई इस वजह से भी एतिहासिक थी कि ऐसी ऊंचाइयों पर पहली बार टैंकों का इस्तेमाल किया गया था।" प्रवक्ता के अनुसार मेजर जनरल एयरी ने इस मौके पर सैनिकों से संवाद किया और बहादुर शहीद सपूतों के साहसिक कारनामे से प्रेरणा लेते रहने और अपने प्रयासों में 'राष्ट्र प्रथम' को सदैव बनाए रखने को कहा।