म्यांमार भूकंप को लेकर सेना प्रमुख ने दिया बयान, कहा- मरने वालों की संख्या 694 तक पहुंची, 1600 से ज्यादा घायल

Edited By Mahima,Updated: 29 Mar, 2025 09:14 AM

army chief gave a statement on myanmar earthquake said death toll reached 694

28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे 694 लोग मारे गए और 1,670 घायल हुए। थाईलैंड, वियतनाम, और चीन में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन म्यांमार में ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। भूकंप के बाद बचाव कार्य जारी हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने...

नेशनल डेस्क: शुक्रवार, 28 मार्च को म्यांमार में एक बड़ा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। इस शक्तिशाली भूकंप ने पूरे क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई और अब तक 694 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस आपदा में 1,670 से अधिक लोग घायल हुए हैं, और कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं, जिसके कारण मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। 

भूकंप का केंद्र म्यांमार के मंडालय के पास
भूकंप का केंद्र म्यांमार के मंडालय के पास था, जो देश के मध्य हिस्से में स्थित है। भूकंप का समय स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:50 बजे (0620 GMT) था। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप के तुरंत बाद एक 6.4 तीव्रता का शक्तिशाली आफ्टरशॉक भी महसूस किया गया, जिसके बाद लगातार एक दर्जन से अधिक झटके आए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। 

म्यांमार के अलावा अन्य देशों में प्रभाव
म्यांमार में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, लेकिन इसका प्रभाव अन्य देशों में भी महसूस किया गया। थाईलैंड में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद वहां भी भारी तबाही हुई। बैंकॉक के चतुचक बाज़ार में एक गगनचुंबी इमारत ढह गई, जिससे कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हालांकि, थाईलैंड ने मरने वालों की संख्या को 10 से कम बताया। वियतनाम और चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। चीन की भूकंप एजेंसी ने इसे 7.9 तीव्रता का भूकंप बताया। इन देशों में भी भूकंप के कारण कुछ नुकसान हुआ, लेकिन म्यांमार में ही सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान हुआ है।

कैसी है भारत में स्थिति
भारत के पश्चिम बंगाल (कोलकाता) और मणिपुर (इम्फाल) में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन वहां किसी भी प्रकार का बड़ा नुकसान या कोई घायल होने की रिपोर्ट नहीं आई है। भारत के अधिकारियों ने म्यांमार भूकंप के प्रभाव से इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की महत्वपूर्ण क्षति होने की सूचना नहीं दी है। 

म्यांमार में भूकंप का ऐतिहासिक संदर्भ
म्यांमार में भूकंप आना कोई नई घटना नहीं है। इस क्षेत्र में 1930 से 1956 के बीच भी कई शक्तिशाली भूकंप आए थे, खासकर सागाइंग फॉल्ट लाइन के पास, जो म्यांमार के मध्य हिस्से से गुजरती है। इसके बावजूद, इस बार का भूकंप सबसे शक्तिशाली और व्यापक प्रभाव वाला था, जिससे सैकड़ों लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हो गए। 

सेना प्रमुख ने मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई
म्यांमार की सेना और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। कई स्थानों पर मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। सेना प्रमुख ने मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई है, क्योंकि अभी भी कई इलाकों से बचाव कार्य जारी हैं। सरकार ने आपातकालीन राहत कार्यों के तहत मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है और घायलों को चिकित्सा सहायता देने के लिए अस्पतालों में व्यवस्था की जा रही है। 

भूकंप के कारण होने वाली समस्याएं
भूकंप के कारण सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं, जिससे कई इलाकों में यातायात बाधित हो गया। कई इमारतें गिर गईं, जिनमें लोग दब गए। साथ ही, भूकंप के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है। 

भूकंप की तेज़ी से प्रतिक्रिया
भूकंप के बाद कई देशों से म्यांमार को मदद का प्रस्ताव दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों और पड़ोसी देशों ने राहत सामग्री भेजने का वादा किया है। म्यांमार में युद्ध और राजनीतिक स्थिति की वजह से राहत कार्यों में कुछ कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मदद से स्थिति को संभालने की कोशिश की जा रही है।

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