Edited By Archna Sethi,Updated: 01 Jan, 2025 09:23 PM
दवाओं के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार
चंडीगढ़, 01 जनवरी, (अर्चना सेठी): पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे 22 नशा छुड़ाने केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग के आरोप में डॉ. अमित बांसल को गिरफ्तार किया है। यह उल्लेखनीय है कि इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रूपप्रीत कौर को भी इस मुकदमे में सह आरोपी बनाया गया है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
राज्य विजीलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो के उडऩ दस्ता-1, मोहाली, पंजाब में भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 7, 7-ए और आई.पी.सी. की धारा 120-बी के तहत एफ.आई.आर. नंबर 12 दिनांक 31.12.2024 के अधीन केस दर्ज किया गया है। डॉ. अमित बांसल पंजाब में करीब 22 नशा छुड़ाने केंद्र चला रहे हैं, जहां नशे के आदी मरीजों को इलाज के लिए एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती हैं। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी डॉ. अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे इन नशा छुड़ाने केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और यह गोलियां बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थीं, जिनका नाम इन नशा छुड़ाने केंद्रों की सूची में शामिल नहीं था।
उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले डॉक्टर अमित बांसल के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एस.टी.एफ., फेज-4, मोहाली में मुकदमा नंबर 242 दिनांक 05.10.2022 दर्ज किया गया था। इन कर्मचारियों द्वारा दिए गए इकबालिया बयानों के आधार पर उनके पास से करीब 23000 गोलियां और 90000 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई थी। उल्लेखनीय है कि उसी दिन एस.टी.एफ. की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा छुड़ाने केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गईं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस जांच के बाद निरीक्षण टीम के हस्ताक्षरों के तहत रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन उक्त ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर ने निदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पंजाब को एक अलग रिपोर्ट भेजी, जिसमें उन्होंने डॉ. अमित बांसल के साथ मिलीभगत करके उसे 610 गोलियों की कमी संबंधी कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए 4610 गोलियों की बजाय 4000 गोलियों की कमी का ही उल्लेख किया, जो स्पष्ट रूप से उनके द्वारा सरकारी पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
यह उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति द्वारा डॉक्टर बांसल के सहज अस्पताल नकोदर नामक एक और नशा छुड़ाने केंद्र की वीडियो वायरल की गई थी, जिसका तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर द्वारा तुरंत नोटिस लेते हुए इस संबंध में थाना सिटी, नकोदर में एफ.आई.आर. नंबर 64 दिनांक 08.06.2024 दर्ज करवाई गई थी। उक्त सहज नशा छुड़ाने केंद्र की जांच के दौरान वहां निरीक्षण समिति द्वारा एडनोक-एन की करीब 144000 गोलियां कम पाई गई थीं।
तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने जांच पूरी होने तक उक्त अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल को फ्रीज करने और इसका लाइसेंस निलंबित करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डॉ. अमित बांसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबा दिया। यह भी पता चला है कि डॉ. अमित बांसल के स्वामित्व वाले एक और आदर्श अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ थाना अनाज मंडी, पटियाला में एक अलग मुकदमा नंबर 154 दिनांक 11.11.2024 दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि विजीलेंस ब्यूरो के उडऩ दस्ता-1 ने आरोपी डॉ. अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न नशा छुड़ाने केंद्रों में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस पूरे गठजोड़ में शामिल अन्य कर्मचारियों/आम व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने हेतु इस मुकदमे की गहराई से जांच शुरू कर दी है।