Edited By Utsav Singh,Updated: 09 Oct, 2024 04:44 PM
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, जिसमें कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (NC) गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है। इसके बाद, उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि NC अनुच्छेद 370 पर चुप नहीं...
नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, जिसमें कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (NC) गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है। इसके बाद, उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि NC अनुच्छेद 370 पर चुप नहीं रहने वाली है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार के तहत इसे बहाल करने की उम्मीद करना 'मूर्खता' है।
उमर अब्दुल्ला का बयान
उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमारा राजनीतिक रुख नहीं बदलेगा। हमने कभी नहीं कहा कि हम अनुच्छेद 370 पर चुप रहेंगे। लेकिन हम लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए तैयार नहीं हैं। मैंने हमेशा कहा है कि जो लोग धारा 370 को हटाने वाले हैं, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना बेवकूफी है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 की बहाली पर बातचीत तभी संभव है जब केंद्र में सरकार बदलेगी। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आज नहीं तो कल, देश में सरकार बदलेगी और एक नई सरकार आएगी, जिसके साथ हम इस मुद्दे पर बात कर सकेंगे।"
राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला की राय
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश को विशेष दर्जा दिलाने की लड़ाई जारी है। वहीं, उमर अब्दुल्ला और उनके पिता, फारूक अब्दुल्ला, इस मामले में अलग राय रखते हैं। उमर ने कहा है कि वे अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ हैं, लेकिन उनका मुख्य ध्यान क्षेत्र के विकास पर है।
अनुच्छेद 370 का इतिहास
5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया। यह निर्णय भारतीय संविधान के तहत विशेष दर्जे को समाप्त करता है, जो पहले जम्मू और कश्मीर को मिला हुआ था। इस कदम के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति में बड़े बदलाव आए और सुरक्षा, विकास, और जनसांख्यिकी के संदर्भ में कई नए मुद्दे उत्पन्न हुए।