‘अनुच्छेद 370 भारत, जम्मू-कश्मीर के बीच एक पुल था, जिसे भाजपा ने ध्वस्त किया'

Edited By Pardeep,Updated: 26 Aug, 2024 05:47 AM

article 370 was a bridge between india j k which was demolished by the bjp

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच एक पुल था, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ध्वस्त कर दिया।

श्रीनगरः पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच एक पुल था, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ध्वस्त कर दिया।  महबूबा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को एक समस्या के रूप में स्वीकार किया था और इसका समाधान चाहा था। 

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक मुद्दा था और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से यह और जटिल हो गया है। उन्होंने मीडिया से कहा,‘‘हाल ही में हुए संसदीय चुनावों के दौरान भाजपा को उत्तरी कश्मीर में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा, जहां लोगों ने जनमत संग्रह की भावना के आधार पर मतदान किया। जम्मू-कश्मीर मुद्दे का समाधान भारतीय संविधान के भीतर है।'' 

उन्होंने अनुच्छेद 370 पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रुख और अलगाववादियों के रुख के बीच समानता पर सवाल उठाया, जो अनुच्छेद को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि कि पीडीपी सहित मुख्यधारा की पार्टियों का मानना है कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू- कश्मीर का भारत में विलय हुआ था, जिसे अलगाववादी स्वीकार नहीं करते हैं। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि पीडीपी ने पहले एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) और गठबंधन के एजेंडे के आधार पर गठबंधन बनाए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य के किसी भी गठबंधन के लिए पीडीपी के एजेंडे को स्वीकार करना होगा, जिसमें सीट बंटवारे पर बाद में चर्चा की जाएगी। 

महबूबा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के मुद्दे का भी उल्लेख किया और सुझाव दिया कि कश्मीर के दोनों हिस्सों के प्रतिनिधियों वाली एक संयुक्त प्रतिनिधि समिति समस्याओं पर चर्चा करने के लिए साल में दो बार मिल सकती है। उन्होंने ऐसी बातचीत की अनुमति नहीं देने के सरकार के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा,‘‘अगर पाकिस्तान से इतनी नफरत है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौर का दौरा क्यों किया और फिर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से क्यों मिले। दोनों देशों के बीच सुलह पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।'' 

उन्होंने कहा,‘‘यहां तक कि वाजपेयी ने भी समाधान खोजने के लिए पाकिस्तान और कश्मीर में अलगाववादियों से बात की थी।'' महबूबा ने विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने के जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के फैसले का भी स्वागत किया और जेईआई पर प्रतिबंध हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जेईआई ने शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कश्मीर में 2014 की बाढ़ और कोविड अवधि के दौरान सराहनीय सेवा प्रदान की है। 

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