अरविंद केजरीवाल ने शुरू की पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना, दिल्ली के धार्मिक कार्यकर्ताओं को मिलेगा 18,000 रुपये मासिक वेतन

Edited By Mahima,Updated: 31 Dec, 2024 10:18 AM

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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत की, जिसमें पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये की मासिक राशि मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य धार्मिक कार्यकर्ताओं को आर्थिक...

नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए 'पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना' का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत, दिल्ली में स्थित मंदिरों और गुरुद्वारों में भगवान की पूजा और धार्मिक कार्यों का संचालन करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। यह कदम पुजारियों और ग्रंथियों की कठिनाइयों को दूर करने और उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से उठाया गया है। 

केजरीवाल ने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से की योजना की शुरुआत
अरविंद केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में इस योजना का औपचारिक शुभारंभ किया। उनके साथ आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी भी मौजूद थीं, जिन्होंने करोल बाग स्थित एक गुरुद्वारे से इस योजना का शुभारंभ किया। केजरीवाल ने इस दौरान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत की और कहा कि यह योजना समाज के उन वर्गों के लिए है जिन्होंने अब तक उपेक्षा का सामना किया है। 

पुजारियों और ग्रंथियों के लिए क्यों जरूरी थी यह योजना?
केजरीवाल ने इस अवसर पर कहा कि पुजारी और ग्रंथी समाज के वे लोग हैं जो हमारे जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर हमारे साथ रहते हैं, चाहे वह शादी का दिन हो, बच्चों का जन्म, या किसी प्रियजन की मृत्यु। ये लोग न केवल धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, बल्कि समाज की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विश्वासों को भी बनाए रखते हैं। वे हर समय समाज की सेवा में जुटे रहते हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक किसी भी सरकार ने उनके योगदान को सही मायने में पहचाना नहीं है।

पुजारियों और ग्रंथियों के सम्मान में 18,000 रुपये मासिक वेतन
केजरीवाल ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। उनका यह भी कहना था कि यह योजना देश में पहली बार लागू की जा रही है, जहां किसी सरकार ने धार्मिक कार्यों में लगे लोगों के लिए एक नियमित और सम्मानजनक वेतन की व्यवस्था की है। केजरीवाल ने आगे कहा कि पुजारियों और ग्रंथियों की सेवा और कार्यों के बदले उन्हें जो मान-सम्मान मिलना चाहिए, वह अब तक प्राप्त नहीं हुआ था। उनकी न तो कोई स्थिर आय थी और न ही उनके काम को किसी ने गंभीरता से लिया। इस योजना से न केवल इन धार्मिक कार्यकर्ताओं को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह समाज में उनकी स्थिति और सम्मान में भी सुधार लाएगा। 

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू
केजरीवाल ने बताया कि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कल से शुरू होगा और यह कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर से प्रारंभ किया जाएगा। इसके बाद, सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को योजना का लाभ मिलेगा। 

आतिशी का बयान और गुरुद्वारा में शुभारंभ
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि यह योजना दिल्ली के धार्मिक कार्यकर्ताओं के लिए ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में पुजारी और ग्रंथी समाज सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, लेकिन किसी ने उनके अधिकारों का कभी ख्याल नहीं रखा। यह योजना उन्हें न केवल आर्थिक लाभ देगी, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी मान्यता प्रदान करेगी।

दिल्ली में समाज के अन्य वर्गों के लिए भी कई योजनाएं
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इससे पहले भी दिल्ली में कई योजनाओं की घोषणा की है, जो समाज के विभिन्न वर्गों के लिए हैं। इनमें बुजुर्गों के लिए पेंशन बढ़ाने, महिलाओं के लिए सहयोग राशि और गरीबों के लिए स्वास्थ्य योजना शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा समाज के गरीब, कमजोर और जरूरतमंद वर्गों के लिए काम करती रहेगी, और उन्हें आर्थिक सुरक्षा, सम्मान और अवसर प्रदान करेगी। 

पुजारियों और ग्रंथियों के लिए महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा
केजरीवाल ने कहा कि पुजारियों और ग्रंथियों के लिए यह योजना केवल एक वेतन योजना नहीं है, बल्कि यह उनके सामाजिक और धार्मिक योगदान की पहचान है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के माध्यम से दिल्ली सरकार यह संदेश दे रही है कि वह समाज के सभी वर्गों के प्रति संवेदनशील है और उनकी कठिनाइयों को समझती है। पुजारियों और ग्रंथियों को इस सम्मान राशि से न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि यह उन्हें सम्मान और सामाजिक स्वीकृति भी प्रदान करेगा।

सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
केजरीवाल ने योजना की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि दिल्ली में स्थित मंदिरों और गुरुद्वारों की भूमिका केवल धार्मिक पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि ये स्थान भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक धरोहर के संरक्षक भी हैं। इन धार्मिक स्थानों के पुजारियों और ग्रंथियों की मेहनत और सेवा के कारण ही हमारी सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित रहती है। इस योजना से इन धार्मिक कार्यकर्ताओं को आवश्यक सहयोग मिलेगा, जो समाज में उनके योगदान को और मजबूत करेगा।

AAP के चुनावी वादे और दिल्ली का भविष्य
अगर आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों में जीत हासिल करती है, तो पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना के तहत हजारों धार्मिक कार्यकर्ताओं को इसका फायदा मिलेगा। यह योजना केजरीवाल सरकार के बड़े चुनावी वादों का हिस्सा है, और इससे पार्टी का समाज में एक मजबूत आधार बन सकता है। 

 

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