Edited By Tanuja,Updated: 29 Nov, 2024 12:21 PM
जहां कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने अपने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा (PSWV) नियम सख्त कर दिए हैं, वहीं न्यूज़ीलैंड ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को लुभाने के लिए अपने नियम आसान कर दिए हैं...
International Desk: जहां कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने अपने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा (PSWV) नियम सख्त कर दिए हैं, वहीं न्यूज़ीलैंड ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को लुभाने के लिए अपने नियम आसान कर दिए हैं। अब छात्रों को वीजा पाने के लिए मास्टर डिग्री पूरी करने की जरूरत नहीं होगी। सस्ती पढ़ाई, कम रहने का खर्च और सरल वीजा प्रक्रिया के कारण न्यूज़ीलैंड अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है।
न्यूज़ीलैंड वीजा के लिए नए नियम
- पहले, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा (30 सप्ताह का कोर्स) करने वाले छात्रों को वर्क वीजा के लिए मास्टर डिग्री पूरी करनी पड़ती थी।
- अब छात्र अपने पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा के आधार पर ही PSWV के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- इससे शिक्षा से नौकरी तक जाने का सफर आसान हो गया है।
- छात्रों को रोजगार और स्थायी निवास (रेजिडेंसी) के लिए अतिरिक्त शर्तें पूरी नहीं करनी पड़ेंगी।
भारत के छात्रों के लिए खास फायदा
- - न्यूज़ीलैंड के पीएचडी प्रोग्राम्स की फीस $7,000-$8,500 सालाना।
- - रहने का खर्च $18,000-$27,000 सालाना।
- - 2023 में न्यूज़ीलैंड में 69,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने दाखिला लिया, जिसमें 11% भारतीय छात्र थे।
- - न्यूज़ीलैंड के इन नए नियमों से भारतीय छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार पाने का आसान मौका मिलेगा।
क्यों कम हो रहा है कनाडा का आकर्षण?
कनाडा में 2021 से छात्रों के दाखिले में 70% की गिरावट आई है। 2025 तक और कमी होने की उम्मीद है। सख्त नियमों और लंबी प्रक्रिया के कारण छात्र कनाडा की बजाय दूसरे विकल्पों की ओर देख रहे हैं। भिजीत ज़वेरी (कैरियर मोसेक, फाउंडर) का कहना है कि न्यूज़ीलैंड के नए नियम छात्रों को स्थिरता और बेहतर अवसर देते हैं। यह देश अब शिक्षा और नौकरी के लिए एक बेहतर विकल्प बन गया है।"