Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Feb, 2025 01:04 PM
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा ‘‘गुंडागर्दी' पर उतर आई है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा ‘‘गुंडागर्दी'' पर उतर आई है। केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि ‘आप' पांच फरवरी को होने वाले चुनावों में ‘‘निर्णायक जीत'' की ओर बढ़ रही है, जिससे भाजपा नेता, विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ‘‘स्तब्ध और हताश'' हैं।
भाजपा गुंडागर्दी पर उतर आई- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, ‘‘आप चुनावों में भारी जीत हासिल कर रही है और अमित शाह स्तब्ध हैं। भाजपा गुंडागर्दी पर उतर आई है क्योंकि उसे हार का आभास हो गया है।'' उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर ‘आप' कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को धमकाने और उन पर हमला करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेताओं और समर्थकों को धमकाया जा रहा है कि या तो वे भाजपा में शामिल हो जाएं या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर हमले किए जाएंगे लेकिन हमें डराया नहीं जा सकता।'' उन्होंने कहा कि दिल्ली ‘‘धमकाने वाली इस रणनीति'' को बर्दाश्त नहीं करेगी।
‘अमित शाह की गुंडागर्दी' हैशटैग के जरिए प्रचार मुहिम शुरू की
केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर ‘अमित शाह की गुंडागर्दी' हैशटैग के जरिए नई सोशल मीडिया प्रचार मुहिम शुरू की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि उन पर ‘‘हमला किया जाता है, उन्हें धमकाया या डराया जाता है'' तो वे इस ‘हैशटैग' का उपयोग करके अपने अनुभव साझा करें। केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली को लेकर भाजपा का कोई नजरिया ही नहीं है - ना तो मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार है और ना ही कोई विकास एजेंडा। उन्हें सिर्फ गुंडागर्दी आती है। वे वोट के बल पर नहीं, बल्कि डराकर जीतना चाहते हैं।''
दिल्लीवासियों से किया ये आग्रह
उन्होंने ‘‘शहर की सुरक्षा और लोकतांत्रिक अखंडता सुनिश्चित करने के लिए'' दिल्लीवासियों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया। दिल्ली विधानसभा चुनाव पांच फरवरी को होंगे और नतीजे आठ फरवरी को घोषित किए जाएंगे। ‘आप' का दिल्ली में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का लक्ष्य है, जबकि भाजपा 25 साल से अधिक समय के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता पर काबिज होना चाहती है।