Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Feb, 2025 01:17 PM
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दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का काम आखिरकार शुरू हो गया है। इस अभियान को लेकर राजधानीवासियों की उम्मीदें अब जागी हैं, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा प्रमुख बन गया था। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर यमुना की सफाई में लापरवाही का आरोप...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का काम आखिरकार शुरू हो गया है। इस अभियान को लेकर राजधानीवासियों की उम्मीदें अब जागी हैं, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा प्रमुख बन गया था। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर यमुना की सफाई में लापरवाही का आरोप लगाया था, लेकिन अब बीजेपी के पूर्ण बहुमत में आने के बाद इस योजना को एक नई गति मिली है। दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी किए गए वीडियो में यमुना की सफाई के लिए विभिन्न मशीनों का उपयोग करते हुए काम की शुरुआत की गई है।
यमुना नदी में लगीं नई मशीनें
उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, यमुना की सफाई में कई आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा। इन मशीनों में ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट शामिल हैं। इनकी मदद से नदी से कचरा, गाद और अन्य अवरोध हटाए जाएंगे। ये मशीनें यमुना के पानी को साफ करने में अहम भूमिका निभाएंगी और नदी के जलस्तर को बेहतर बनाएंगी।
चार चरणों में होगी सफाई
इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई है, जिसमें चार प्रमुख चरण होंगे। सबसे पहले, यमुना नदी की धारा से कचरा और गाद को हटाया जाएगा। इसके बाद नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य प्रमुख नालों की सफाई शुरू की जाएगी। इन नालों का कचरा यमुना नदी में समाहित हो जाता है, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। तीसरे चरण में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता और आउटपुट की निगरानी की जाएगी, ताकि उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सके। चौथे चरण में नए एसटीपी/डीएसटीपी का निर्माण किया जाएगा, ताकि शहर के सीवेज की समस्या को सुलझाया जा सके।
महत्वपूर्ण निर्देश और समन्वय
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं कि इस सफाई अभियान के कार्यान्वयन में कोई रुकावट न हो। डीजेबी, आई एंड एफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए को मिलकर काम करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को भी आदेश दिया गया है कि वह शहर में औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखें।
योजना का समयसीमा
यह सफाई अभियान लगभग तीन वर्षों में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत, यमुना नदी को फिर से साफ और प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। हालांकि, यह कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि नदी में काफी मात्रा में गाद और कचरा जमा हो चुका है। इसके बावजूद, अधिकारियों का मानना है कि यदि सभी विभागों और एजेंसियों का समन्वय सही तरीके से हुआ, तो यह काम जल्द ही पूरा हो सकता है।
इस सफाई अभियान का प्रभाव केवल पर्यावरण पर ही नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के रोज़मर्रा के जीवन पर भी पड़ेगा। यमुना नदी के साफ होने से न केवल जलस्तर में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण की स्थिति भी बेहतर होगी। इसके अलावा, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी यह कदम मददगार साबित होगा।