Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Jun, 2024 07:48 PM
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त संबोधन की आलोचना करते हुए कहा कि अभिभाषण में कुछ भी "नया" नहीं था और यह "नई बोतल में पुरानी शराब" जैसा था।
नेशनल डेस्क: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त संबोधन की आलोचना करते हुए कहा कि अभिभाषण में कुछ भी "नया" नहीं था और यह "नई बोतल में पुरानी शराब" जैसा था।
'यह नई बोतल में पुरानी शराब की तरह'
एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, "पूरे संबोधन में अल्पसंख्यकों या बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कल कहा था कि भारत में नफरत फैलाने वाले भाषणों में वृद्धि हुई है और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि संबोधन में कुछ भी "नया" नहीं था। एआईएमआईएम सांसद ने कहा, "अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था, यह नई बोतल में पुरानी शराब की तरह था...नीट दोबारा होनी चाहिए थी। हर जगह पेपर लीक हो रहे हैं। वे 25 लाख युवाओं और उनके परिवारों के जीवन के साथ खेल रहे हैं।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा 1975 में लगाए गए 'आपातकाल' की आलोचना की।राष्ट्रपति ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन राष्ट्र ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी रहा।"
छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि आगामी संसद सत्रों में केंद्रीय बजट के दौरान प्रमुख आर्थिक और सामाजिक निर्णय तथा ऐतिहासिक कदमों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा, "देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा जताया है। लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक है। इस लोकसभा का गठन अमृत काल के शुरुआती वर्षों में हुआ था। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी गवाह बनेगी।"
राष्ट्रपति से झूठा भाषण दिलवाकर वाहवाही बटौर रहे मोदी
इस बीच, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से झूठ से भरा भाषण दिलवाकर सस्ती वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। खड़गे ने 'एक्स' पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर लिखा, "मोदी जी माननीय राष्ट्रपति से झूठ बोलवाकर सस्ती वाहवाही हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे भारत की जनता 2024 के चुनावों में पहले ही खारिज कर चुकी है।"
कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना की
उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लिखा गया था, जो जनता के जनादेश को अस्वीकार करने का उनका प्रयास प्रतीत होता है। खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मोदी सरकार द्वारा लिखे गए राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि मोदी जी जनता के जनादेश को अस्वीकार करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जनादेश उनके खिलाफ था क्योंकि देश की जनता ने उनके "400 पार" के नारे को खारिज कर दिया और भाजपा को 272 के आंकड़े से दूर रखा।"