भारत की ‘एक्ट ईस्ट' नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का आधार है ASEAN: विदेश मंत्री जयशंकर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Jul, 2024 04:57 PM

asean is the basis of india s  act east  policy and indo pacific vision

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को भारत की प्राथमिकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह 10 सदस्यीय प्रभाव...

International News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को भारत की प्राथमिकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह 10 सदस्यीय प्रभावशाली क्षेत्रीय समूह भारत की ‘एक्ट ईस्ट' नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है। जयशंकर आसियान की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं। उन्होंने आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत आसियान और ईएएस (पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन) मंचों को जो प्राथमिकता देता है, वह पिछले साल नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जकार्ता की यात्रा किए जाने से स्पष्ट है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 12 सूत्री योजना की घोषणा की थी, जिस पर बड़े पैमाने पर अमल किया गया है। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत के लिए आसियान उसकी ‘एक्ट इंडिया' नीति और उसके हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है...।'' उन्होंने कहा, ‘‘आसियान के साथ वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग और लोगों के बीच संपर्क सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसे हम विस्तार देने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।'' जयशंकर ने कहा कि यह देखना उत्साहवर्धक है कि भारत-आसियान साझेदारी हर बीतते दिन के साथ और नए आयाम प्राप्त कर रही है। उन्होंने बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए अपने सिंगापुरी समकक्ष विवियन बालाकृष्णन को धन्यवाद दिया। 

उन्होंने बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में तिमोर-लेस्ते के मंत्री बेंडिटो फ्रीटास का भी स्वागत किया। जयशंकर ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि हम दिल्ली में दूतावास खोलेंगे। हम शीघ्र ही ऐसा करने जा रहे हैं और वास्तव में, वहां उच्चस्तरीय यात्राएं भी करेंगे।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं आसियान की अध्यक्षता करने के लिए लाओस को बधाई देता हूं और उसकी अध्यक्षता को सफल बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देता हूं।'' उन्होंने आसियान-भारत कार्य योजना के अंतर्गत चिह्नित ठोस सहयोग के माध्यम से आसियान-भारत संबंधों को मजबूत बनाने के लिए सभी सदस्यों की सराहना की। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘आज सुबह लाओस के वियनतियान में आयोजित आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की सार्थक बैठक में भाग लिया।'' 

 

Participated in a productive ASEAN-India Foreign Ministers’ Meeting this morning in Vientiane, Laos.

Thank @VivianBala for co-chairing it with me these past three years. Welcome Philippines as the incoming country coordinator.

Digital, defence, maritime, connectivity,… pic.twitter.com/OE195PkOa4

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 26, 2024

जयशंकर ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘भावी समन्वयक देश के रूप में फिलीपीन का स्वागत है। डिजिटल, रक्षा, समुद्री, संपर्क सुविधा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भारत-आसियान सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने रहेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमा की स्थिति, समुद्री संचार को खुला और मुक्त रखने, आसियान और एओआईपी (हिंद प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण) पर ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के दृष्टिकोण और गाजा में संघर्ष के बारे में भी बात की।'' विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा से पहले कहा था कि यह यात्रा इसलिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट' नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी। आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं। 

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