Edited By Tanuja,Updated: 04 Jul, 2024 04:54 PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में सदस्यों देशों में आतंकवाद को...
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में सदस्यों देशों में आतंकवाद को एक बड़ी चिंता का विषय बताया और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ “सार्थक” वार्ता की अपील की। बुधवार को दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे शहबाज ने SCO समिट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। सम्मेलन में चीन, भारत, तुर्किये, ईरान, आजरबैजान और किर्गिस्तान के नेताओं व राजनयिकों ने आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की। ‘जियो न्यूज' की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने संबोधन में आर्थिक विकास के लिए क्षेत्र में शांति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में स्थायी शांति कायम करना इस साझा उद्देश्य का मुख्य आधार है।” उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय “अफगान सरकार के साथ सार्थक रूप से बातचीत कर उनकी वास्तविक आर्थिक व विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करे।” शरीफ ने यह भी कहा कि अफगान तालिबान को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे कि उसकी धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए न किया जाए। उन्होंने कहा, “प्रायोजित आतंकवाद समेत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़े और स्पष्ट शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए "निर्दोष लोगों की हत्या करने या आतंकवाद का डर दिखाने का कोई औचित्य नहीं है।"
इसके जवाब में भारत ने बृहस्पतिवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को ‘अलग-थलग करने' और ‘बेनकाब' करने को कहा जो आतंकवादियों को प्रश्रय देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को नजरअंदाज करते हैं। भारत ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। SCO राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों को रखते हुए जयशंकर ने कहा कि SCO का एक मूल लक्ष्य आतंकवाद से लड़ना है। जयशंकर ने सम्मेलन में कहा, ‘‘हममें से कई लोगों के अपने अनुभव हैं, जो अक्सर हमारी सीमाओं से परे सामने आते हैं। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता या माफ नहीं किया जा सकता।'' सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए।
जयशंकर ने कहा कि पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त बयान नयी दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने रेखांकित किया कि एससीओ ‘वसुधैव कुटुम्बकम' के सदियों पुराने सिद्धांत का पालन करते हुए लोगों को एकजुट करने, सहयोग करने, बढ़ने और समृद्ध होने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है जिसका अर्थ है 'पूरी दुनिया एक परिवार है'। जयशंकर ने बाद में ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के शिखर सम्मेलन में भारत का वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार निर्वाचित होने पर शुभकामनाएं देने के लिए सम्मेलन में उपस्थित नेताओं को धन्यवाद।''