Edited By Mahima,Updated: 01 Mar, 2025 11:02 AM
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सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च 2025 से एटीएफ की कीमतों में 222 रुपये प्रति किलोलीटर की कटौती की घोषणा की है, जिससे घरेलू हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है। एयरलाइंस कंपनियां इस कटौती के बाद फ्यूल सरचार्ज में भी कमी कर सकती हैं। हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट...
नेशनल डेस्क: होली और ईद जैसे बड़े त्योहारों के मौके पर हवाई यात्रा थोड़ी सस्ती हो सकती है। सरकार द्वारा संचालित तेल कंपनियों ने एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में कटौती का ऐलान किया है। घरेलू एयरलाइनों के लिए ATF की कीमतों में 222 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी की गई है। इसके बाद, हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है, जिससे आम लोग इन खास अवसरों पर यात्रा करने के लिए और अधिक प्रोत्साहित हो सकते हैं।
ATF कीमतों में कितनी कटौती की गई है?
1 मार्च 2025 से, घरेलू एयरलाइनों के लिए ATF के दामों में लगभग 1.50 प्रतिशत की कमी की गई है। इससे हवाई यात्रा के टिकटों की कीमतों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में ATF की कीमत 95,311.72 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है, जो पहले 95,533.72 रुपये प्रति किलोलीटर थी। कोलकाता में ATF की कीमत 97,588 रुपये प्रति किलोलीटर, मुंबई में यह घटकर 89,070 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है, जबकि चेन्नई में अब ATF की कीमत 98,567.90 रुपये प्रति किलोलीटर है।
हवाई यात्रा के टिकटों की कीमतों पर असर
हवाई यात्रा के टिकटों की कीमतों में कमी का एक प्रमुख कारण ATF की कीमतों में कटौती है। एयरलाइंस कंपनियां जब हवाई यात्रा के लिए टिकट बेचती हैं, तो ATF की कीमतें फ्यूल सरचार्ज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनती हैं। इन कीमतों में कटौती के बाद, एयरलाइंस कंपनियां फ्यूल सरचार्ज में भी कमी कर सकती हैं। ATF की कीमतों का असर एयरलाइंस की कुल लागत पर भी पड़ता है, क्योंकि एयरलाइंस के संचालन की कुल लागत का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा ATF की कीमतों से जुड़ा होता है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर शुल्क में वृद्धि की संभावना
जहां एक ओर ATF की कीमतों में कटौती से हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) से उड़ान भरने और लैंडिंग के लिए यात्रियों को कुछ समय बाद बढ़े हुए शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। जीएमआर समूह की अगुवाई वाली दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल (DIAL) ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें एयरपोर्ट यूज़र फीस में बदलाव की योजना है। इसके तहत, इकोनॉमी क्लास और बिजनेस क्लास यात्रियों के लिए अलग-अलग यूज़र फीस लागू करने की बात की गई है। इसके साथ ही, व्यस्त और कम व्यस्त समय के लिए भी अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए जा सकते हैं।
आगे क्या बदलाव हो सकते हैं?
ATF की कीमतों में कटौती से हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है, लेकिन इससे अन्य शुल्कों में बढ़ोतरी का भी खतरा हो सकता है। एयरलाइंस कंपनियों के लिए ATF की कीमतें उनका सबसे बड़ा खर्च हैं, और जब इनकी कीमत घटती है, तो उनका ऑपरेशन थोड़ा सस्ता हो जाता है। लेकिन एयरपोर्ट पर शुल्क और अन्य लागतें अगर बढ़ती हैं, तो इसका असर अंततः यात्रियों पर पड़ेगा। अगले कुछ महीनों में घरेलू हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है, विशेष रूप से त्योहारी सीजन जैसे होली और ईद के दौरान। हालांकि, एयरलाइंस कंपनियों के द्वारा वसूल किए जाने वाले फ्यूल सरचार्ज में कमी के साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट पर बढ़ी हुई यात्रा शुल्क भी सामने आ सकता है। इन बदलावों का असर हवाई यात्रा के अनुभव पर पड़ने वाला है, और यात्रियों को इन बदलावों के बारे में समय से जानकारी मिलनी चाहिए।