केंद्रीय मंत्री आठवले बोले- जम्मू-कश्मीर को धीरे-धीरे मिलेगा अनुच्छेद 370 हटने का लाभ

Edited By Yaspal,Updated: 27 Sep, 2021 05:22 PM

athawale said  j k will gradually get the benefit of abrogation of article 370

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में है, जिसका लाभ उन्हें ‘‘धीरे-धीरे और...

नेशनल डेस्कः केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में है, जिसका लाभ उन्हें ‘‘धीरे-धीरे और चुपचाप'' मिलेगा। उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता का विरोध किया और कहा कि उस देश के लोगों को न्याय मुहैया कराने के लिए तालिबान को सत्ता से बाहर करने की आवश्यकता है।

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आठवले अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने और अपने मंत्रालय की योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लेने यहां आए। उन्होंने एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को रद्द किया जाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में है, क्योंकि केंद्रशासित प्रदेश में अपनी इकाइयां लाने और जमीन खरीदने के लिए बाहर के निवेशकों के सामने यह सबसे बड़ी बाधा थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के इस साहसिक कदम से लोग जम्मू-कश्मीर में निवेश करेंगे और स्थानीय युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करेंगे। स्थानीय युवा आतंकवाद से दूर रहेंगे और आतंकवाद जल्द ही स्वत: समाप्त हो जाएगा।''

आठवले ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करके भाजपा नीत सरकार को कोई लाभ नहीं हुआ, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को इससे लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कदम के कारण व्यापक स्तर पर विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है और आगामी समय में लोगों को ‘‘धीरे-धीरे और चुपचाप'' इसका लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है और केंद्र शासित प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर रही है।'' उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अपना पूरा समर्थन देगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी केंद्र प्रायोजित योजनाएं जनता तक पहुंचे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ बातचीत करने का केंद्र को सुझाव देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “वह (अब्दुल्ला) जम्मू-कश्मीर के एक सम्मानित वरिष्ठ नेता हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी थे, लेकिन हम उनके बयान का समर्थन नहीं करते।''

आठवले ने कहा, ‘‘तालिबान एक आतंकवादी समूह है जिसने अफगानिस्तान पर जबरन कब्जा कर लिया है। मुझे लगता है कि उनका समर्थन करना उचित नहीं है और उन्हें वहां से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग उनके शासन में अन्याय एवं मानवाधिकार हनन का सामना कर रहे हैं।'' एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की थी कि उत्तर प्रदेश में आबादी का 19 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद राज्य में मुसलमानों की राजनीतिक स्थिति एक शादी में 'बैंड पार्टी' की तरह है।

आवैसी की इस टिप्पणी के संबंध में सवाल किए जाने पर आठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी को 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के नारे के तहत साथ लेकर चल रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा समर्थित स्कूलों में विभाजनकारी मानसिकता सिखाए जाने के संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के कथित बयान को लेकर सवाल किए जाने पर मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह एक बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनका बयान सच्चाई से बहुत दूर है। कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा तालिबान और भाजपा को एक समान बताए जाने को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी तुलना पूरी तरह से गलत है।

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