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CAG रिपोर्ट के बाद आतिशी ने आबकारी नीति का बचाव किया, कहा- पुरानी नीति को हटाकर सही काम किया

Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Feb, 2025 06:54 PM

atishi defends excise policy after cag report

दिल्ली की आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सोमवार को दिल्ली विधानसभा में पेश की गई। इसके बाद दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष और आप नेता आतिशी ने पिछली अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को बचाव किया।

नई दिल्ली: दिल्ली की आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सोमवार को दिल्ली विधानसभा में पेश की गई। इसके बाद दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष और आप नेता आतिशी ने पिछली अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को बचाव किया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पुरानी आबकारी नीति की खामियों को इंगित किया गया था, जिसे आप सरकार ने पहले ही उजागर कर दिया था और नई आबकारी नीति लेकर आई थी। 

मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आतिशी ने कहा, "आज दिल्ली विधानसभा में आबकारी ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई। इसके 7 अध्याय 2017-21 की आबकारी नीति पर हैं और एक अध्याय नई आबकारी नीति पर है। दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी नीति की खामियों और भ्रष्टाचार को दिल्ली की जनता के सामने उजागर किया था।" आतिशी ने आरोप लगाया कि पिछली नीति के तहत पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से शराब मंगाई जा रही थी, जिससे दिल्ली को वित्तीय नुकसान हो रहा था।

पुरानी नीति को हटाकर सही निर्णय लिया
उन्होंने कहा, "उस नीति के तहत हरियाणा और यूपी से अवैध रूप से शराब लाई गई। यह रिपोर्ट उसी बात को दोहरा रही है जो हमने कहा था कि पुरानी नीति के कारण दिल्ली के लोगों को नुकसान हो रहा है। इस नीति से यह स्पष्ट होता है कि आप सरकार ने पुरानी नीति को हटाकर सही निर्णय लिया।"

उन्होंने कहा, "इस रिपोर्ट ने हमारी बात को पुष्ट किया है। शराब की बिक्री में भ्रष्टाचार था। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 28 प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा था और पैसा दलालों की जेब में जा रहा था। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि शराब की कालाबाजारी हो रही थी और सभी को पता था कि शराब के ठेके किस पार्टी के लोगों के पास हैं। शराब ठेकेदारों ने लागत मूल्य की गलत गणना करके मुनाफा कमाया।"

विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति पर सीएजी रिपोर्ट पेश की। 'दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर निष्पादन लेखापरीक्षा' 2017-18 से 2020-21 तक चार वर्षों की अवधि को कवर करती है और दिल्ली में भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशी शराब के विनियमन और आपूर्ति की जांच करती है। यह रिपोर्ट पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर लंबित 14 सीएजी रिपोर्टों में से एक है।

आज पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट में पाया गया कि आबकारी विभाग द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में शराब की आपूर्ति की निगरानी और विनियमन के तरीके में कई विसंगतियां हैं। इससे पता चला कि 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण राज्य सरकार को 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का संचयी नुकसान हुआ। आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली से कई सवाल उठते हैं कि विभाग किस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। रिपोर्ट के अवलोकन के अनुसार ऑडिट निष्कर्षों का कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 2,026.91 करोड़ रुपए है।

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