Edited By Rahul Singh,Updated: 23 Sep, 2024 02:43 PM
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री का प्रभार संभाला और कहा कि वह उसी तरह काम करेंगी, जैसे भरत ने अपने बड़े भाई भगवान राम की ‘खड़ाऊं' को अयोध्या के सिंहासन पर रखकर काम किया था।
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री का प्रभार संभाला और कहा कि वह उसी तरह काम करेंगी, जैसे भरत ने अपने बड़े भाई भगवान राम की ‘खड़ाऊं' को अयोध्या के सिंहासन पर रखकर काम किया था। वह मुख्यमंत्री कार्यालय में केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं और उन्होंने कहा कि केजरीवाल की कुर्सी खाली रहेगी। वह केजरीवाल की कुर्सी के बगल में रखी सफेद रंग की एक अन्य कुर्सी पर बैठीं।
केजरीवाल ने इस्तीफा देकर गरिमा की मिसाल कायम की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी की आलोचना करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री के पद का ‘‘अपमान'' है। आतिशी ने केजरीवाल सरकार में उनके पास रहे 13 विभागों का प्रभार अपने पास रखा है जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं। उन्होंने प्रभार संभालने के बाद कहा, ‘‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में चार महीने तक उसी तरह काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर काम किया था। अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है। भाजपा ने उनकी छवि बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दे दी और कहा कि उनकी गिरफ्तारी दुर्भावना से की गयी। कोई और होता तो एक पल भी नहीं सोचता और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाता लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।'' पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी दिल्ली सचिवालय में प्रभार संभाला। मंत्रिमंडल में पहली बार शामिल हुए मुकेश अहलावत ने भी दिल्ली सचिवालय में प्रभार संभाला। उनके पास श्रम, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, रोजगार और भूमि व भवन विभाग हैं।
सचदेवा ने साधा निशाना
आतिशी पर निशाना साधते हुए सचदेवा ने कहा कि उनका आचरण संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री के पद का ‘‘अपमान'' है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने (आतिशी) जो किया है वह आदर्श नहीं है। अपने आचरण से उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री पद का अपमान किया बल्कि दिल्ली के लोगों की भावनाएं भी आहत की हैं। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या वह रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाएंगे।'' आतिशी की अगुवाई वाले नए मंत्रिमंडल के सामने फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अगले कुछ महीनों में शुरू की जाने वाली कई परियोजनाएं, योजनाएं तथा नयी पहलों की लंबी सूची है।