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आतिशी ने विधानसभा स्पीकर को लिखा पत्र, विधायकों के निलंबन को बताया ‘लोकतंत्र पर प्रहार'

Edited By Radhika,Updated: 28 Feb, 2025 03:35 PM

atishi wrote a letter to the assembly speaker

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को लिखे पत्र में आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों के निलंबन को जनादेश का अपमान और लोकतंत्र पर प्रहार बताया।

नेशनल डेस्क : दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को लिखे पत्र में आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों के निलंबन को जनादेश का अपमान और लोकतंत्र पर प्रहार बताया। निलंबन की निंदा करते हुए आतिशी ने आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज को जानबूझकर दबाया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में आतिशी ने दिल्ली विधानसभा में हुई घटनाओं पर चिंता व्यक्त की, जहां उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल के विधायकों को उनके विरोध प्रदर्शन के लिए भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि आप विधायकों को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के अभिभाषण के दौरान ‘‘जय भीम'' के नारे लगाने के बाद निलंबित कर दिया गया, जबकि ‘‘मोदी-मोदी'' का नारा लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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विवाद तब और बढ़ गया जब आतिशी समेत निलंबित आप विधायकों को बृहस्तपिवार को महात्मा गांधी की प्रतिमा पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। विपक्षी नेता ने तर्क दिया कि इस तरह के प्रतिबंध अभूतपूर्व हैं और लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा में यह पहली बार है कि निर्वाचित विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।'' उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य ‘‘विपक्ष को दबाना और उनकी आवाज को कुचलना'' है। आतिशी समेत 21 आप विधायकों को मंगलवार को विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से बी. आर. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें कथित तौर पर हटाए जाने के विरोध में नारेबाजी करने और उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को निलंबित करते हुए उन्हें मार्शल के जरिए बाहर निकालने का आदेश दिया था। आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष से ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने'' और सभी विधायकों के लिए ‘‘निष्पक्षता सुनिश्चित करने'' का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘माननीय अध्यक्ष महोदय, आप इस विधानसभा के संरक्षक हैं। संरक्षक का यह कर्तव्य है कि वह सभी विधायकों के साथ समान न्याय करें, चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के।'' इस बीच, आतिशी ने इस घटना को दिल्ली में ‘‘लोकतंत्र की हत्या'' बताया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए समय देने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आने के बाद भाजपा पर ‘‘तानाशाही की सभी हदें पार करने'' का आरोप लगाया और लोकतांत्रिक मानदंडों को बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। विधायकों का निलंबन ऐसे समय हुआ जब विधानसभा में दिल्ली आबकारी नीति पर नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई।

 

 

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