'महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मराठियों पर बढ़े हमले', संजय राउत का दावा

Edited By rajesh kumar,Updated: 20 Dec, 2024 04:45 PM

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शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद मराठी भाषी लोगों पर हमले बढ़ गए हैं। राउत ने आरोप लगाया कि मराठाओं को मुंबई और पड़ोसी इलाकों से बाहर निकालने के लिए...

नेशनल डेस्क: शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद मराठी भाषी लोगों पर हमले बढ़ गए हैं। राउत ने आरोप लगाया कि मराठाओं को मुंबई और पड़ोसी इलाकों से बाहर निकालने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। राउत ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ठाणे जिले के कल्याण में हुई एक घटना का जिक्र किया, जहां गैर-मराठी भाषी लोगों ने कथित तौर पर एक मराठी भाषी परिवार पर हमला किया।

उन्होंने नौसेना के एक जहाज और यात्री नौका के बीच हुई टक्कर में 14 लोगों की मौत पर महाराष्ट्र सरकार को ‘अशुभ' करार दिया। राउत ने आरोप लगाया कि गांवों और जिलों में डकैती और हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा, “मराठी मानुष पर हमला करने की साजिश रची जा रही है। कल्याण इसकी शुरुआत है।” शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता ने दावा किया कि भाजपा ने ‘मराठी मानुष के संगठन' शिवसेना को विभाजित कर दिया, इसे कमजोर कर दिया ताकि मूल निवासियों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जाए और मुंबई और उसके आसपास के इलाकों को गैर-मराठी भाषी बिल्डरों और व्यापारियों को दे दिया जाए।

उन्होंने कहा, “राज्य विधानसभा चुनावों के बाद मराठी मानुष पर हमले बढ़ गए हैं। मराठी मानुष को मुंबई से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है और ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि मराठी मानुष ठाणे और कल्याण में न रहें।” राउत ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को शिवसेना बताने वाले अयोग्य हैं और कल्याण की घटना को लेकर चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “वे (शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना) सत्ता में बने रहने के लिए बेताब हैं। भाजपा का रुख मराठी मानुष को तबाह करना है।”

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन सरकार और केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह नीत सरकार ने जिन कुछ संगठनों को शहरी नक्सलियों का मुखौटा संगठन घोषित किया था, वे ‘भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल थे। राउत ने इस पर कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं, उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या अभिनेता अमोल पालेकर, सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव और सेना में सेवा दे चुके वे पूर्व सैनिक, जो राहुल गांधी की अगुवाई वाली यात्रा में शामिल हुए थे, वे सब नक्सली थे? शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, “उन्हें (फडणवीस को) अपने आस-पास के भ्रष्ट लोगों पर ध्यान देना चाहिए।” 

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