Edited By Pardeep,Updated: 13 Dec, 2024 10:52 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया और दावा किया कि देश के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
नेशनल डेस्कः समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया और दावा किया कि देश के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि यदि यह सरकार जाति जनगणना नहीं कराती है तो विपक्ष में बैठे लोग सत्ता में आएंगे तो इसे जरूर कराएंगे। यादव ने कहा कि संविधान कहता है कि सरकार की नजर में सभी समान हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है, उन पर हमला किया जा रहा है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।'' सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं और विधानसभा उपचुनाव के समय लोगों को मतदान से रोका गया। यादव ने कहा कि संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधकर रखा है। उनका कहना था कि संविधान 90 प्रतिशत पीड़ित और शोषित जनता का सबसे बड़ा संरक्षक है।
यादव ने कहा कि ‘पीडीए' (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का विषय है। उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद देश में विषमता जिस तेजी के साथ बढ़ी है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। यादव ने कहा, ‘‘आज 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा है... अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर जा रही है तो 60 प्रतिशत लोगों की प्रति व्यक्ति आय क्या है?'' उन्होंने आरोप लगाया कि आज ‘‘हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की कोशिश करके माहौल खराब किया जा रहा है।'' यादव ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने इस पर अंकुश लगाया।''