पत्नी, ससुराल और सिस्टम के आगे हारा अतुल, बोला- कोर्ट इन्हें बरी करे तो मेरी अस्थियां गटर में बहा देना

Edited By Mahima,Updated: 11 Dec, 2024 12:47 PM

atul lost to his wife in laws and the

बेंगलुरु में काम करने वाले जौनपुर के अतुल सुभाष के सुसाइड करने से सभी लोग हैरान हैं। बताया जा रहा है कि अतुल ने 24 पेज का सुसाइड नोट और 1 घंटे 21 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करके अपनी जान दे दी।

नेशनल डेस्क: बेंगलुरु में काम करने वाले जौनपुर के अतुल सुभाष के सुसाइड करने से सभी लोग हैरान हैं। बताया जा रहा है कि अतुल ने 24 पेज का सुसाइड नोट और 1 घंटे 21 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करके अपनी जान दे दी। इस वीडियो में उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों को जिम्मेदार बताया है। इसके साथ ही अतुल ने देश के ज्यूडिशियरी सिस्टम, पुलिस और कानून में पुरुषों की अनदेखी को लेकर भी निराशा जताई है। अपनी अंतिम इच्छा को बताते हुए अतुल ने पारिवारिक कलह और कानूनी लड़ाई से हो रही मानसिक प्रताड़ना का दर्द भी बयां किया। पुलिस को सुभाष के शव के पास तख्ती लटकी मिली, जिस पर लिखा था- इंसाफ बाकी है।

इतना ही नहीं अतुल ने ये भी बताया कि उसकी पत्नी ने पहले उससे सेटलमेंट के लिए पहले एक करोड़ रुपये की डिमांड की, लेकिन बाद में तीन करोड़ रुपये की मांग करने लगी और तो और अपने बेटे का चेहरा तक भी देखने नहीं दिया। सुसाइड नोट में सुभाष ने न्यायिक सिस्टम पर भी सवाल उठाए हैं... आरोप... जज ने सेटलमेंट के लिए रिश्वत मांगी; सास बोली- अरे, अब तक सुसाइड नहीं किया मैं अतुल सुभाष, सॉफ्टवेयर कंपनी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विंग में DGM हूं। 2019 में निकिता से शादी हुई। वह भी software engineer है। AI consultant है। उसने ये भी बताया कि पत्नी के पिता की शादी के बाद बीमारी से मौत हो गई थी, लेकिन ससुराल वालों ने इसके लिए भी हत्या का आरोप लगा FIR दर्ज करा दी।

अतुल के आरोप के मुताबिक, फैमिली कोर्ट में जज ने मामला निपटवाने के लिए पांच लाख रुपये मांगे। उन्होंने कहा कि जज के सामने ही पत्नी ने उनसे कहा कि सुसाइड क्यों नहीं कर लेते और जज ये सुनकर ठहाका मारकर हंसने लगीं। शादी के बाद से ही निकिता और उसका परिवार किसी न किसी बहाने से पैसा मांगता रहा। अतुल  ने आगे कहा कि शुरुआत में तो मैं पैसे देता रहा। कुछ समय बाद जब मुझे पता लगा कि मेरा मिसयूज किया जा रहा है तो, तब मैंने इनकार करना शुरू कर दिया। जिसके बाद निकिता और उसके परिवार वालों ने अपन रंग दिखाना शुरू कर दिया। मुझ पर और मेरे परिवार पर घरेलू हिंसा, हत्या, दहेज प्रताड़ना समेत नौ केस लाद दिए। इनकी सुनवाई के लिए 120 तारीखें लगी।

सालभर में 23 छुट्टी मिलती है। पर मुझे 140 बार जौनपुर जाना पड़ा। आप समझ सकते हैं कि मैं इसे कैसे हैंडल करता रहा। जज ने भी 3 करोड़ रु. में मामला सेटल करने का दबाव बनाया। मुझसे पांच लाख रु. मांगे गए। हर पेशी पर रिश्वत देनी पड़ती। सेटलमेंट से मना किया तो जज ने पक्ष रखने का मौका दिए बगैर ही पत्नी को हर महीने 80 हजार देने का आदेश दे दिया। पूजा हो या कोई शादी, निकिता हर बार कम से कम 6 साड़ी और एक गोल्ड सेट मांगती थी। मैंने अपनी सास को 20 लाख रु. से ज्यादा दिए, लेकिन उन्होंने कभी नहीं लौटाए।

अतुल ने अदालत और पुलिस को लेकर क्या कहा ? 
अतुल सुभाष ने वीडियो में कहा, "मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं, उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं। मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है। मेरे ही टैक्स के पैसे से ये अदालत, ये पुलिस और पूरा सिस्टम मुझे और मेरे परिवार और मेरे जैसे और भी लोगों को परेशान करेगा. मैं ही नहीं रहूंगा तो न पैसा होगा और न ही मेरे मां-बाप और भाई को परेशान करने की कोई वजह होगी।" इसके अलावा अतुल ने वीडियो में बताया कि अभी तक इस केस में उन्हें कोर्ट से 120 तारीखें मिल चुकी हैं। उनके माता-पिता और भाई भी कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें साल में सिर्फ 23 छुट्टियां मिलती हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या इन कोर्ट केस में लड़ पाना किसी के लिए संभव है। वीडियो में अपनी अस्थि के बारे में बात करते हुए अतुल ने कहा, "मेरा अस्थि विसर्जन तब तक नहीं होना चाहिए जब तक मुझे हैरेस करने वालों को सजा नहीं मिलती। अगर इतने सबूत होने के बाद भी कोर्ट अगर सजा नहीं देती है उन्हें, तो मेरी अस्थि वहीं कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना चाहिए।

से मेरी अपील है कि मेरे भाई और माता-पिता को हैरेस नहीं करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि कानून का कई तरह से दुरुपयोग हो रहा है। जब आप यह पढ़ रहे होंगे तब तक में इस दुनिया नहीं रहूंगा। यह भारत में पुरुषों के लिए कानूनी नरसंहार जैसा है। अपनी आखिरी इच्छा की बात करते हुए अतुल ने कहा कि मेरे केस की सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छ सके। जब तक प्रताड़ित करने वालों को सजा न हो, मेरी अस्थियां विसर्जित न हों। यदि भ्रष्ट जज और मेरी पत्नी तथा उसके परिजनों को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए ताकि उसे अच्छी वैल्यूज मिल सकें।

उन्होंने वीडियो में कहा कि मेरे माता-पिता उसे बड़े नाज से पालेंगे और उनका भाई भी बहुत अच्छा है। ने 4 साल के बेटे के लिए पत्र और गिफ्ट छोड़ी है। पत्र जो चाहते हैं कि वो 2038 में 18 साल का होने पर खोले। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिसंबर की सुबह 6 बजे एक कॉल आया, जिसमें अतुल के सुसाइड करने की जानकारी दी। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो घर अंदर से बंद मिला। स्थानीय लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो देखा कि अतुल ने नायलॉन की रस्सी का इस्तेमाल करके बेडरूम में लगे सीलिंग फैन से लटककर फांसी लगा ली थी।  

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