Edited By Utsav Singh,Updated: 05 Nov, 2024 02:56 PM
भारत आज़ादी के बाद एक स्वतंत्र देश बना है, और हमें इस पर गर्व होना चाहिए। हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई में भारतीयों ने अपार संघर्ष किया था, चाहे वह मुगलों से हो या अंग्रेजों से। लेकिन हाल ही में कर्नाटक के बेलगावी से एक विवादित मामला सामने आया है, जहां...
नेशनल डेस्क : भारत आज़ादी के बाद एक स्वतंत्र देश बना है, और हमें इस पर गर्व होना चाहिए। हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई में भारतीयों ने अपार संघर्ष किया था, चाहे वह मुगलों से हो या अंग्रेजों से। लेकिन हाल ही में कर्नाटक के बेलगावी से एक विवादित मामला सामने आया है, जहां देर रात किसी अज्ञात शख्स ने मुग़ल सम्राट औरंगजेब का एक पोस्टर लगा दिया। इस पोस्टर में औरंगजेब को अखंड भारत का असली संस्थापक बताया गया, जो एक बेहद विवादास्पद और संवेदनशील विषय है।
औरंगजेब का पोस्टर लगाया गया
पुलिस के मुताबिक, यह घटना शनिवार देर रात की है। शहर के बॉक्साइट रोड पर शाहू नगर सर्किल के पास कुछ युवकों ने एक बड़ा पोस्टर लगाया था। इस पोस्टर में औरंगजेब की जयंती के अवसर पर उसे "सुल्तान-ए-हिंद" (भारत का सम्राट) कहा गया। औरंगजेब के बारे में यह संदेश कुछ लोगों के लिए बेहद आपत्तिजनक हो सकता था, क्योंकि उसकी नीतियों और युद्धों के कारण कई इतिहासकारों और आम लोगों में विवाद है।
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पुलिस की कार्रवाई और पोस्टर का हटाया जाना
पोस्टर के लगने के बाद माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए बेलगावी सिटी कॉर्पोरेशन के आदेश पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और पोस्टर को हटा दिया। इसके साथ ही पुलिस ने अज्ञात युवकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की। यह कदम तब उठाया गया जब यह महसूस किया गया कि इस पोस्टर से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
BJP की तरफ से त्वरित गिरफ्तारी की मांग
बीजेपी ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है। बीजेपी का कहना है कि इस तरह के विवादित पोस्टरों को लगाने से समाज में शांति और सद्भावना को खतरा हो सकता है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस तरह के कृत्य देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं।
औरंगजेब पर पुराना विवाद
मुगल सम्राट औरंगजेब को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहे हैं। वह एक विवादास्पद शासक थे, जिनकी नीतियों को लेकर कई मत हैं। कुछ लोग उन्हें भारत का सुलतान मानते हैं, जबकि कई इतिहासकार उनके शासन के दौरान धार्मिक असहिष्णुता और उत्पीड़न के उदाहरणों को उजागर करते हैं। पिछले साल महाराष्ट्र में भी औरंगजेब को लेकर एक विवाद सामने आया था। नवी मुंबई में एक व्यक्ति ने अपने व्हाट्सएप डीपी पर औरंगजेब की तस्वीर लगा दी थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे छोड़ दिया। उस मामले में आईपीसी की धारा 298 और 153-A के तहत मामला दर्ज किया गया था, जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपों से संबंधित है।
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बेलगावी में औरंगजेब के पोस्टर का मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि इतिहास और उसके नायक-खलनायक पर समाज में बहस और विवाद हमेशा जारी रहते हैं। इस तरह के विवादित पोस्टरों को लेकर हर समुदाय और व्यक्ति की अलग राय हो सकती है, लेकिन इन्हें सार्वजनिक रूप से लगाने से किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर विवाद उत्पन्न हो सकता है। इस मामले में पुलिस की तत्काल कार्रवाई सही कदम था, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सभी को संवेदनशीलता और समझदारी से काम लेना चाहिए।