Edited By Parminder Kaur,Updated: 17 Mar, 2025 12:49 PM

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। वहीं बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने भी इस पर बयान दिया...
नेशनल डेस्क. महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। वहीं बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ है।
संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य का नाम तो शिवाजी महाराज के नाम पर है, लेकिन क्या उनके विचारों पर भी हम चल रहे हैं? शिवाजी महाराज सभी धर्म और जातियों के लोगों को सम्मान देते थे और उन्होंने हमेशा गद्दारों और अन्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। राउत ने यह भी कहा कि इस समय राज्य का माहौल खराब किया जा रहा है और कुछ मंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के लोग इन मंत्रियों के खिलाफ सबूत दे रहे हैं और एक-एक करके इनकी स्थिति कमजोर होगी।
बजरंग दल और VHP का आंदोलन
इस बीच बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर आंदोलन और चक्का जाम का ऐलान किया है। दोनों संगठनों ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है और संभाजीनगर के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है। आज शाम 6 बजे अंधेरी लिंक रोड पर विरोध प्रदर्शन होगा। इसके चलते औरंगजेब की कब्र के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SRPF और लोकल पुलिस को तैनात किया गया है और 50 पुलिसकर्मियों की टीम कब्र के आसपास सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही है।
पुलिस ने कब्र के एंट्री पॉइंट पर कड़ी जांच व्यवस्था की है, ताकि कोई भी व्यक्ति गलत इरादे से वहां न पहुंचे। हाल ही में दोनों हिंदू संगठनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द औरंगजेब की कब्र को नहीं हटाती, तो दोनों संगठन मिलकर बाबरी मस्जिद की तरह कब्र तोड़ने के लिए कारसेवा करेंगे और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
कांग्रेस अध्यक्ष का विवादित बयान
इस विवाद के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल का एक बयान भी चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार की तुलना औरंगजेब के शासन से की। सपकाल ने दोनों को 'क्रूर' और 'धर्म का शोषण करने वाला' बताया। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस को संतोष देशमुख की हत्या और महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विफल बताया।