Edited By Tanuja,Updated: 02 May, 2024 11:14 AM
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बुधवार को उन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिनमें कहा गया था कि चार साल पहले दो भारतीय...
मेलबर्न: ऑस्ट्रेलियाई सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बुधवार को उन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिनमें कहा गया था कि चार साल पहले दो भारतीय जासूसों को गुप्त रूप से ऑस्ट्रेलिया से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, मंत्री ने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध अच्छे हैं और हाल के वर्षों में उनमें और सुधार हुआ है। एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान ऑस्ट्रेलिया के वित्त मंत्री (ट्रेजरर) जिम चाल्मर्स से पूछा गया कि क्या दो जासूसों के गोपनीय तरीके से निष्कासन संबंधी ‘ऑस्ट्रेलियाई न्यूज मीडिया' और ‘द वाशिंगटन पोस्ट' की खबरों के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया का मित्र माना जा सकता है।
चाल्मर्स ने ‘ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन' से कहा, ‘‘मैं किसी भी तरह से इस तरह के मुद्दों में नहीं पड़ना चाहता।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ और इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, दोनों पक्षों के प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में यह और घनिष्ठ हुआ है और यह अच्छी बात है।'' प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और विदेश मंत्री पेनी वोंग ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में भारत द्वारा कथित जासूसी के बारे में सवालों को टाल दिया और कहा कि वे खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। भारत ऑस्ट्रेलिया का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है, जो चीन पर अपनी आर्थिक निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया भी क्वाड सुरक्षा वार्ता के सदस्यों के रूप में घनिष्ठ सैन्य संबंध विकसित कर रहे हैं। क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) में अमेरिका और जापान भी शामिल हैं। ‘द वाशिंगटन पोस्ट', ‘द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड' और ‘ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प' ने अज्ञात सुरक्षा अधिकारियों का हवाला देते हुए जासूसों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग' के कर्मियों के रूप में की है। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग ने इस संबंध में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।